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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: घाघरा में बाढ़ से बचाव को लेकर मॉक ड्रिल: बाढ़ से बचाव के बारे में दी जानकारी

आजमगढ़। देवारा क्षेत्र में घाघरा से घिरे हुए गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कवायद जारी है।जिले में हर वर्ष घाघरा नदी में उफान होने के चलते देवारा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाता है। जिसके चलते जहां गांव में पानी पहुंचने से लोग परेशान होते हैं। वहीं कटान होने से लोगों की कई एकड़ फसल योग्य भूमि भी कटान की जद में आ जाती है।
जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण आजमगढ़ ने गुरूवार को तहसील सगड़ी क्षेत्र के अंतर्गत बाढ़ प्रबंधक के लिए जिला स्तरीय मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। इस दौरान स्टेजिंग एरिया पं. राम नगीना कॉलेज ऑफ फार्मेसी जोकहरा, सगड़ी में सभी संबंधित विभाग पीडब्ल्यूडी, पुलिस, पीएसी, अग्निशमन, एंबुलेंस, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग, शिक्षा विभाग, पशु चिकित्सा, चिकित्सा विभाग, विकास विभाग, पंचायती राज विभाग के प्रभारी अधिकारी अपने-अपने सहयोगी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ आवश्यक संसाधनों सहित उपस्थित हुए। जहां पर लोगों को संभावित बाढ़ आने के दौरान डूब रहे व्यक्ति को कैसे बचाना है, कैसे अपने को बचाते हुए लोगों की मदद करनी है। इसकी भी जानकारी दी गई है। 
मॉक ड्रिल में गोताखोरों ने नदी में कूदकर डूब रहे लोगों को बाहर निकाला। साथ ही तत्काल एंबुलेंस के द्वारा बाढ़ राहत केंद्र भेजा गया, जहां पर उनका इलाज भी किया गया। लोगों को बाढ़ से बचाव की दी गई जानकारी। संभावित बाढ़ आपदा से बचने के उपाय पर यहाँ रिहर्सल किया गया है। जिसमें राप्ती नदी में डूब रहे व्यक्ति को गोताखोरों ने जाकर उनकी जान बचाई और तत्काल उन्हें बाढ़ राहत केन्द्र एंबुलेंस से भेजा गया। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि संभावित बाढ़ आने पर जब कोई व्यक्ति नदी में डूब रहा हो तो उसे कैसे बचाया जाएगा। अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक तहसील में बाढ़ राहत से संबंधित सामान उपलब्ध हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पांच प्रेक्षक नियुक्त हैं, जो पूरे क्षेत्र में घूम-घूमकर देखेंगे कि कहां पर क्या व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि प्रेक्षकों द्वारा पाई गई कमियों को दूर किया जाएगा।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व् डिप्टी इंसीडेंट कमांडर आजाद भगत सिंह ने बताया कि माक एक्सरसाइज के लिए चयनित स्थान एवं परिदृश्य व तहसील स्तर से प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ आने पर बचाव के लिए गांगेपुर में ईओसी से सूचना मिलने पर गांगेपुर के ग्रामीणों को बाढ़ के पानी बढ़ने की सूचना प्रदान करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने का माक ड्रिल किया गया। इसी के साथ ही सहबदिया सुल्तानपुर में ईओसी से सूचना मिलने पर राहत एवं बचाव दल के लोग गांव में जाकर 2 मंजिला भवन फंसे लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थल पर पहुंचाने का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। इसी के साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र महुला में ईओसी से सूचना मिलने पर बाढ़ से घिरे, फंसे व डूबते हुए व्यक्तियों तथा पशुओं को नाव व अन्य संबंधित उपकरण की सहायता से सुरक्षित निकालने का प्रदर्शन संबंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया गया। अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 ने बताया कि बाढ़ राहत शिविर प्रा0वि0 दाममहुला में स्थापित किया गया है। जिसमें केन्द्र प्रभारी के निर्देशानुसार सभी टीमें आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायेंगी। इनके साथ राजस्व विभाग व अन्य विभागों के कर्मचारी भी होंगे। यहॉ पर आपदा से विस्थापित लोगों को रखा जायेगा। उनकी चिकित्सा, भोजन, पानी, बिस्तर, शौचालय आदि की व्यवस्था होगी। राहत शिविर में मेडिकल कैंप भी होगा। पशुओं के देखभाल हेतु पशु चिकित्सा विभाग की टीम रहेगी।