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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: बारिश न होने से खेतों में दरार देख फट रहा किसानों का कलेजा


बारिश न होने से किसानों की धान की नर्सरी सूख रही खेतों में


 

आजमगढ़। जिले में बारिश न होने से खेतों में किसानों की धान की नर्सरी के साथ अन्य फसले बर्बाद हो रही है। इससे किसान खासे परेशान हैं, गरीब किसान बादलों की तरफ टकटकी लगाए बैठा है कि कब बदरा बरसेंगे। लेकिन आसमान पर बादल आ और जा रहे हैं। ऐसे में किसान भी परेशान हैं। निजामाबाद क्षेत्र के एक गांव के एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक किसान अपने खेत में लोटकर रो रहा है, और भगवान से बारिश की गुहार लगा रहा है। बताते चलें कि प्रतिवर्ष इस माह में मानसूनी बरसात होने से धान की फसल की अच्छी पैदावार होने की संभावना होती थी। जिस को ध्यान में रखते हुए किसानों ने धान की नर्सरी तो परिश्रम करके डाल दी। लेकिन नर्सरी को निकालकर खेतों में रोपाई करने का कार्य प्रभावित होता जा रहा है क्योंकि एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ मानसून के रूठ जाने से किसानों की कमर टूट गई है। किसान जय सिंह, नंदू पाठक, चंदशेखर सिंह आदि ने बताया कि मानसून ना आने की वजह से इस साल वह धान की नर्सरी की रोपाई करने का कार्य नहीं कर रहे हैं। हरी सब्जी की फसल जो बरसात में होती थी जैसे करेली, नेनुआ, तोरई, भिंडी, लौकी की फसल प्रभावित हो रही है।