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खास खबर

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता यात्रा निकाली गई

हा​थों में तिरंगा लेकर आमजन हुए शामिल लगाए भारत माता की जय के नारे आजमगढ़। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत सदर विधानसभा क्षेत्र में एकता यात्रा निकाली गई। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अखिलेश मिश्रा गुड्डू के नेतृत्व में यह पदयात्रा एसकेपी इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर पहाड़पुर, तकिया, चौक, अग्रसेन चौराहा, कलेक्ट्रेट चौराहा होते हुए अम्बेडकर पार्क पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता, छात्र और आमजन हाथों में तिरंगा लिए शामिल हुए। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर लोगों द्वारा पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह तथा मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री संजय राय उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि संजय राय ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती 31 अक्टूबर को पूर्ण हुई है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने कांग्रेस के सदस्य के रूप में स्वतंत्रता संग्राम में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। आजादी के बाद देश 562 रियासतों में...

Ballia: राजा बलि ने स्थापित किया था बालेश्वर नाथ मंदिर

सावन और शिवरात्रि उमड़ता है भक्तों का रेला

बलिया। शहर के बीचो-बीच स्थापित बाबा बालेश्वर नाथ शिव मंदिर जिले ही नहीं बल्कि, आसपास के जनपदों के लिए भी अटूट आस्था का केंद्र है। वैसे तो पूरे साल यहां दर्शन-पूजन के लिए दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं। मत्था टेकते हैं लेकिन, सावन महीने में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। सोमवार को आस-पास के जिलों सहित बिहार से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। 

साहित्यकार एवं पुरातत्ववेदा शिवकुमार कौशिकेय ने बताया, "इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना महान शिव भक्त दैत्यराजा बलि ने बालू से कराया था। जनश्रुतियों के अनुसार प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अचानक शिवलिंग पत्थर का हो गया। तब यह मंदिर दियारा क्षेत्र में था, लेकिन गंगा की कटान की वजह से मंदिर का स्थान बदलता रहा है।"

"वर्तमान में जहां मंदिर है, यह तीसरा स्थान है। कहा जाता है कि मौजूदा मंदिर का निर्माण व्यापारी लक्षु भगत और बिल्लर भगत की पहल पर महान संत मौनी बाबा ने कराई थी। श्रद्धालुओं में यह विश्वास है कि जो सच्चे मन से बाबा बालेश्वर मंदिर में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करता है, बाबा भोलेनाथ उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। बाबा बालेश्वर मंदिर समिति के प्रबंधक अजय चौधरी ने बताया है कि सावन मास में मध्य रात्रि को 12 बजे भव्य श्रृंगार के साथ ही महा आरती होती है।

यहां पूजा की थाली का नहीं है कोई शुल्क

जिले के अलावा बिहार के बक्सर आरा से भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। मध्य रात्रि को बाबा का भव्य श्रृंगार होता है। वैसे मंदिर में प्रतिदिन शाम को भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें क्षेत्रीय लोग शामिल होते हैं। मंदिर परिसर के अंदर पूजन-अर्चन में प्रयुक्त होने वाले सामानों को दुकानदार भक्तों को थाल में सजाकर देते हैं। स्वेच्छा से पूजन-अर्चन कर लौटने के बाद जो कुछ भी श्रद्धालु देते हैं, वह उसे ले लेते हैं। बालेश्वर मंदिर की यह व्यवस्था अन्य मंदिरों से अलग है।

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