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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: मुख्तार प्रकरण में 18 को आ सकता है फैसला



आजमगढ़। माफिया मुख्तार के खिलाफ जिले में चल रहे मुकदमें में 18 जुलाई को फैसला आ सकता है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में पेश हुआ। पेशी के दौरान उसने जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाया। तरवां थाना क्षेत्र के एराकला गांव में सड़क निर्माण ठेके के विवाद को लेकर ठेकेदार पर माफिया मुख्तार के लोगों ने फायरिंग किया था। जिसमें ठेकेदार तो बाल-बाल बच गए थे लेकिन दो मजदूर गोली लगने से घायल हो गए थे। जिसमें एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत तक हो गई। इस मामले में तरवां थाने में मुख्तार व उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। अक्टूर 2020 में इस मामले में गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई हुई और माफिया मुख्तार व उसके सहयोगियों पर गैंगेस्टर जनपद पुलिस ने लगा दिया। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही है। बुधवार को अंतिम सुनवाई होनी थी। जिसमें माफिया मुख्तार बांदा जेल से वीसी के माध्यम से उपस्थित हुआ। इस दौरान उसने पुन: अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। बुधवार को हुई बहस के दौरान मुख्तार के वकील लल्लन सिंह ने कहा कि मुकदमा 2014 में दर्ज हुआ और छह साल बाद गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई। जबकि मुख्तार पिछले कई सालों से जेल में है। मुख्तार के वकील के इस बात का सरकारी वकील दीपक मिश्रा ने विरोध किया। बुधवार को न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट ओमप्रकाश ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित कर दिया। अब सजा सुनाए जाने के लिए 18 जुलाई की तिथि नियत की गई है।