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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh : ‘स्कूल चलों अ‌भियान’ मंडलायुक्त और डीएम ने किया शुभारंभ


परीक्षा में अ‌धिक अंक पाने वाले बच्चों को किया गया पुरस्कृत

कोरोना से बच्चों का पठन-पाठन हुआ प्रभावितः मंडलायुक्त

डीएम ने अधिक से ‌अधिक नामांकन कराने के दिए निर्देश

आजमगढ़। जिले में सोमवार को स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय उकरौड़ा शिक्षा क्षेत्र पल्हनी में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और डीएम अमृत त्रिपाठी ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इस क्रम में मंडलायुक्त और उीएम ने अधिक अंक पाने वाले छात्र प्रियांशु यादव, राजनंदनी, जिया, अभिषेक प्रजापति, अंजली भारती, चंदा चौहान आदि को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मंडलायुक्त एवं डीएम को बैच, मोमेंटों एवं कैप पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण सभी को दिखाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंडलायुक्त ने बताया कि करीब दो साल तक कोरोना महामारी के कारण बच्चों का पठन-पाठन काफी प्रभावित हुआ है।बावजूद इसके आजमगढ़ में करीब 29 हजार बच्चों का नामांकन परिषदीय विद्यालयों में बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण करीब 2 सालों से बच्चों का पठन-पाठन काफी प्रभावित होना एक चैलेंज है कि किस तरह जिन बच्चों ने क्लास एक एवं दो को मिस किया है, उनको उस स्तर तक कैसे लाया जाय। उन्होंने कहा कि जो बच्चे पढ़ाई से पिछले एक या दो साल से नही जुड़ पाये हैं, उनको स्पेशल क्लासेस देकर उनको सामान्य स्तर पर लायेंगे। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने कहा कि अध्यापक छात्रों को अपना बच्चा समझकर पढ़ायें, बच्चे देश का भविष्य हैं। उन्होने बताया कि हर तीसरे महीने में अभिभावकों के साथ बैठक करनी चाहिए, जिससे बच्चों के सुधार के बारे में जानकारी प्राप्त हो। उन्होने कहा कि जिस गांव से कम बच्चे स्कूल आते हैं, उन गांवों में जाकर अभिभावकों को प्रेरित करें एवं बच्चों का नामांकन करायें। जिलाधिकारी ने अध्यापकों से कहा कि 04 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल 2022 तक अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन करायें, कोई बच्चा नही छूटने पाये। इसी के साथ मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी द्वारा स्कूल का भ्रमण किया गया एवं स्कूल में सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।