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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: स्वस्थ्य मां ही स्वस्थ्य संतान को दे सकती है जन्मः डा. पूनम

महिलाएं खुद का ख्याल रखना सीखें 
एनीमिया के रोकथाम की दी जानकारी
आजमगढ़। बाल विकास परियोजना शहर आजमगढ़ व नारी शक्ति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में पोषण पखवाड़ा का कार्यक्रम का आयोजन शहर के मातबरगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय बड़ादेव में किया गया। जिसके अंतर्गत किशोरियों, महिलाओं एवं गर्भवती महिलाओं में एनीमिया प्रबंधन रोकथाम हेतु कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की रंगोंली के माध्यम से बताया गया कि एनीमिया कैसे होता है और इसके निराकरण के लिए हमे क्या करना चाहिए।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नारीशक्ति संस्थान सचिव डॉ पूनम तिवारी ने कहा कि एनीमिया से गर्भवती माँ और उसके बच्चे दोनों को खतरा होता है। यदि प्रसव के दौरान थोड़ा भी रक्तस्राव हुआ तो जान जाने का जोखिम हो जाता है। एनिमिक महिला का नवजात शिशु कमजोर होता है जिससे प्रसव के दौरान या प्रसव के उपरांत जान जाने का डर बना रहता है इसलिए प्रत्येक महिलाओं एवं किशोरियों को अपने स्वाथ्य का ध्यान देते हुए पौष्टिक आहार लेना चाहिए। महिलाए अपने आहार में पौष्टिक आहार के रूप में दाल, चावल, रोटी, हरी साग सब्जी, दूध व सलाद में चुकन्दर,गाजर आदि का सेवनकरें। उन्होंने आगे कहा कि एक स्वस्थ्य मां ही एक स्वस्थ्य संतान को जन्म दे सकती है। ऐसे में अपना ख्याल खुद से महिलाएं रखना सीखें। 
इस अवसर पर सीडीपीओ शहर सितारा ने कहा कि महिलाओं व किशोरियों को अनीमिया से बचने के लिए अपने नियमित भोजन में चना गुड़ फल दूध आदि का सेवन करना चाहिए। बीएमसी यूनिसेफ अर्बन रुखसार व बीईओ नगर रबिता राव ने संयुक्त रूप से कहा कि एनीमिया रोग से आशय खून की कमी से है। खून की कमी होने से शरीर में अनेको रोग होने लगते है। शरीर में खून की कमी को दूर घरेलु उपचार के माध्यम से ही किया जा सकता हैं, बशर्ते इसे महिलाए गंभीरता से ले। अपने आहार में अधिक मेथी, पालक की सब्जी शामिल करे, इसमे सर्वाधिक विटामिन व खनिज होते है। जो शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायता करते है। इस अवसर पर आभा अग्रवाल, पूनम यशपाल सिंह, अनिता श्रीवास्तव, नीतू अस्थाना सहित संस्थान व आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवम सहायिकाएं उपस्थित रही।