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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

लखनऊ: केन्द्रीय बजट में उत्तर प्रदेश को 2.23 लाख करोड़ रुपए मिलने की संभावना


देश के साथ ही लम्बे समय से कोरोना वायरस संक्रमण के जूझ रहे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को चुनावी दौर में केन्द्रीय बजट से बड़ी धनराशि मिलने की उम्मीद है। बीते दो वित्तीय वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के संकट में गुजरने के बाद वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में उत्तर प्रदेश को बड़ी उम्मीद है। देश के साथ ही लम्बे समय से कोरोना वायरस संक्रमण के जूझ रहे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी है। इसको देखते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का उत्तर प्रदेश पर विशेष फोकस रह सकता है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश को केन्द्र सरकार से बजट में 2.23 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। प्रदेश को वित्त वर्ष 2020-21 व 2021-22 में उम्मीद के अनुसार केन्द्रीय आवंटन नहीं मिल सका था। इस बार उत्तर प्रदेश के हर वर्ग को बजट से उम्मीद है। कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 वर्षों से आर्थिक मोर्चे पर दुश्वारियां का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार के बजट से उम्मीदें हैं। केंद्र सरकार यदि बजट में किसानों और मजदूरों के लिए बड़े ऐलान करती है तो उत्तर प्रदेश को इसका ज्यादा लाभ मिलेगा। केंद्रीय करों में अपनी हिस्सेदारी पर भी उत्तर प्रदेश की निगाहें होंगी। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में उत्तर प्रदेश को बड़ा हिस्सा मिलने के बाद प्रदेश की आर्थिक विकास दर भी बढऩे की संभावना है। जिसके 8 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही जीडीपी विस्तार भी बढ़ेगा। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां कोरोना संक्रमण काल के असर से उबर भी रही हैं। केन्द्र सरकार का बजट इसमें बूस्टर डोज का काम करेगा। कोरोना काल के प्रदर्शन से उत्साहित सरकार विकास की गति बढ़ाने को तत्पर है। केन्द्र में निजी निवेश बढऩे का लाभ उत्तर प्रदेश को भी मिलेगा।