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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, मिल रहे शुभ संकेत

26 सितबंर से शुरू हो रहा मां के नौ रूपों के पूजन का पर्व

आजमगढ़। मां के नौ स्वरूपों के पूजन का नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहा है। सोमवार को कलश स्थापना होने के चलते इस बार मां शुभता का संदेश देंगी। मां शक्ति की उपासना अश्विन मास के प्रतिपदा से नवमी तक की जाती है। 26 सितंबर से पांच अक्टूबर तक नवरात्र है।

 पं. चंदन शास्त्री ने बताया कि प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 26 सितंबर को सुबह 3:24 बजे से हो रही है और 27 सितंबर को सुबह 3:08 बजे तक रहेगी। 26 सितंबर को अश्वनी शुक्ल को घट स्थापना शुभ मुहूर्त में की जानी चाहिए। इस दिन कन्या लग्न में सुबह 5:56 बजे से 07:35 बजे तक और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:33 से दोपहर 12:22 बजे तक तक घट स्थापना एवं देवी का पूजन किया जा सकता है। बताया कि इस साल का शारदीय नवरात्र बेहद खास है। इस बार नवरात्रि की शुरूआत सोमवार के दिन से हो रही है। मान्यता है कि जब भी नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है, तब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है। बताया कि हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। इससे देश में आर्थिक समृद्धि आएगी। ज्ञान की वृद्धि होगी। नवरात्रि में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है। ये सभी मां के नौ स्वरूप हैं. प्रथम दिन घटस्थापना होती है। शैलपुत्री को प्रथम देवी के रूप में पूजा जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रत और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पांच अक्टूबर को विजयदशमी है।