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खास खबर

मुंबई और गांव में जमीन को लेकर मारी गोली, घायल, गंभीर

नमाज पढ़ने के जाने के दौरान पट्टीदारों ने सरफराज को मारी गोली अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर आजमगढ़। जीयनपुर कोतवाली के धौरहरा में सोमवार को फज्र की नमाज पढ़ने जा रहे सरफराज 55 पुत्र हुसैन को जमीन विवाद में पट्टीदार ने गोली मार दी। गोली लगने से सरफराज घायल हो गया, परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश में जुटी है।  जानकारी के अनुसार धौरहरा में सोमवार की भोर में सरफराज 55 पुत्र हुसैन नमाज पढ़ने जा रहा था। इस बीच उसके पट्टीदार अनीश पुत्र सगीर ने गोली मार दी। गोली सरफराज के कूल्हे में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। स्वजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने सरफराज की तहरीर पर अनीश के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कोतवाल जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल भिजवाया गया। पुलिस के अनुसार, दोनों पटीदारों के बीच मुंबई और गांव में पुश्तैनी जम...

Azamgarh: "ढूंढने चांद निकला तो तारा मिला, वक्त का हमसफर बेसहारा मिला..........

धूमधाम से मनाया शिक्षक दिवस, काव्य गोष्ठी का आयोजन

डा. भक्तवत्सल का किया गया सारस्वत सम्मान 

आजमगढ़। नगर के अतलस पोखरा स्थित प्रतिभा निकेतन इंटर कालेज के परिसर में शिक्षक दिवस पर  प्रतिभा क्लासेज की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी की शुरूआत डा. भक्तवत्सल, केदारनाथ वर्मा, रमाकांत वर्मा, विकास वर्मा, ध्रुव चंद मौर्य ने  मां सरस्वती और डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान डा. भक्तवत्सल को होम्योपैथी के क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विगत दिनों दुबई में मिले सम्मान पर उन्हें लोगों ने बधाई दी। साथ ही सारस्वत सम्मान किया गया।

काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि बालेदिन " बेसहारा"  ने किया। काव्य गोष्ठी की शुरुआत विजयेंद्र प्रताप श्रीवास्तव "करुण " ने मां सरस्वती की आराधना के साथ किया। उन्होंने अपनी रचना "मेरे लिए जो अपना सारा जीवन हवन करें, शीश हमारा ऐसे गुरु-चरणों को नमन करें’ सुना सभी गुरुओं को नमन किया। इसी क्रम में हिंदी के प्रसिद्ध श्रृंगार रस के कवि डा.  ईश्वर चंद त्रिपाठी ने "ढूंढने चांद निकला तो तारा मिला, वक्त का हमसफर बेसहारा मिला, दिल के दरिया में उतरा था पहली दफा, ना तो कश्ती मिली ना किनारा मिला’’ सुनाकर वाहवाही लूटी। कवि  शैलेंद्र मोहन राय " अटपट",  'घरे घरनी भईल तालिबान बा खतरे में जान बा ना' सुनाया। 'इस खिज़ाँ को छोड़कर मौसम सुहाना ढूँढ लो, अब नयी बस्ती में अपना आबो-दाना ढूँढ लो ' सुनाकर कवि जितेंद्र नूर तालियां बंटोरी। अध्यक्षता कर रहे कवि बालेदीन 'बेसहारा ' अपनी रचना ‘महंगी लेहल चाहे अल्हरे परनवां ना, रोवें दूनो जून घर में ललनवां ना’ सुनाया का महंगाई पर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। वहीं मऊ जिले के घोसी से पधारे कवि सलमान ‘घोसवीं’ ने कौमी एकता पर 'कहती हिमालय लहरा के कहती अपनी गंगा है, जान से प्यारा अपने लिए तो अपना यह तिरंगा है' ‌सुनाया। जिले के निवासी इलाहाबाद से आए संतोष "खेम" ने अपनी रचनाओं से सभी को प्रभावित किया। संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील दत्त विश्वकर्मा व  विजेंद्र प्रताप श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया।  इस अवसर पर सर्वोदय पब्लिक स्कूल के प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद यादव, सीताराम पांडे, गौरव मौर्या,  राधेश्याम यादव, डा. देवेश दुबे  सहित अन्य लोग मौजूद रहे।