अपील के बाद खाते में पहुंचे 40 लाख
सुलतानपुर। जिले में आठ
माह के बच्चे को है मस्कुलर एट्रोफी बीमारी इंटरनेट मीडिया के जरिए मदद को
बढ़े सैकड़ों हाथ। डाक्टरों ने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे के
इलाज में कारगर इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है।
कहते
हैं कि संकट में अपनों की पहचान होती है, लेकिन यहां तो सैकड़ों हाथ नन्हें
अनमय की जान बचाने को आगे आए हैं। हर कोई उसे अपना मान इंटरनेट मीडिया के
जरिए मदद की अपील कर रहा। इसी का नतीजा है कि कुछ ही दिनों में 40 लाख
रुपये आ गए। सौरमऊ निवासी सुमित सिंह ने बताया कि जब बेटा तीन माह का
था तो उसके हाथ और पैर में हरकतें कम दिखने लगीं। उसकी गर्दन का संतुलन भी
बन पाना मुश्किल होने लगा। बच्चे को तब किंग जार्ज मेडिकल कालेज, लखनऊ में
दिखाना शुरू किया। दो-तीन महीने तक इलाज कराने के बाद उसके स्वास्थ्य में
कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उसे सर गंगा राम हास्पिटल, नई दिल्ली के
डाक्टरों को दिखाया। वहां के चिकित्सकों ने लक्षणों
के आधार पर टेस्ट कराया। इस टेस्ट की रिपोर्ट 29 जुलाई को मिलने पर पता
चला कि अनमय को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-वन नामक बीमारी है। डाक्टरों
ने बताया कि इस बीमारी बीमारी से ग्रसित बच्चा दो साल से ज्यादा जीवित नहीं
रह पाता। इलाज में सिर्फ एक इंजेक्शन कारगर है। इसे नावार्टिस कंपनी बनाती
है। विदेश में मिलने वाले इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है। इतना
महंगा इंजेक्शन सुनकर परिवारजन के होश उड़ गए। बेबस पिता ने बच्चे को
बचाने के लिए उम्मीद की आखिरी किरण तक संघर्ष का इरादा कर रखा है। सुमित
बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहले इंटरनेट मीडिया पर अपनी दुखभरी कहानी साझा
की। बच्चे का जीवन बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई। उसके बाद तो एक बड़ा
अभियान ही शुरू हो गया। कई स्वयं सेवी संस्थाओं ने पहल करते हुए इस अभियान
को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक कर दी। इसका परिणाम यह रहा कि शुक्रवार तक
खाते में चालीस लाख रुपये इकट्ठा हो चुके हैं। सुमित
सिंह बताते हैं कि इस अभियान में देवदूत वानर सेना के अजीत प्रताप सिंह,
कुशभवनपुर सेवा समिति के रीतेश रजवाड़ा, घर सुलतानपुर फाउंडेशन, करणी सेना,
हमारी आवाज जनता और कई जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिला। वहीं, अनमय की मां
अंकिता सिंह ने खुद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सहायता की
मांग की है। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 16 करोड़ रुपये की
सहायता दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट भेजी है।