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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

उत्साह से मना जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी

अंजुमनों ने नातिया कलाम पेश कर मांगी अमन-चैन की दुआ

जगह-जगह बने स्वागत द्वार, जलपान करा दिए उपहार

विद्युत झालरों से जगमगा उठे शहर के रास्ते और मस्जिद  


आजमगढ़।
जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) का पर्व पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान अंजुमनों ने नातिया कलाम पेशकर अमन-चैन की दुआ मांगी। वहीं शहर के रास्ते और मजस्दि विद्युत झालरों से जगमगा उठे। नगर के गुरुटोला अंजुमन के सेक्रेटरी मुहम्मद अफजल इद्रीसी ने बताया कि शहर की 32 अंजुमनों ने जुलूस निकाला और इस दौरान नातिया कलाम पेश कर अमन-चैन की दुआ मांगी। वहीं पर्व के मद्देनजर मस्जिदों से लेकर जुलूस के रास्तो को विद्युत झालरों सहित रंग-बिरंगे कागजों से सजाया गया था। जो देखने में काफी आकर्षक थे। कमेटियों की ओर से भी जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे और आकर्षक सजावट की गई थी। वहीं दूसरी ओर सभी अंजुमनें निस्वां कालेज के पास एकत्र हुईं और नात पढ़ते हुए पहाड़पुर, शिब्ली चौराहा, तकिया, कोट, टेढ़िया मस्जिद, बाजबहादुर, किला कोट, दलालघाट, पुरानी कोतवाली होते हुए मुख्य चौक पहुंचीं। वहां अमन चौन की दुआ के बाद पुरानी सब्जीमंडी, कटरा, बदरका, पांडेय बाजार होते हुए जामा मस्जिद पहुंचीं जहां मौलाना ने तकरीर पेश की। आयोजक कमेटी के सदस्य मुन्ना ईदरिशी ने बताया की जुलूस में शामिल अंजुमनों के जलपान के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए गए थे, जहां पर चाय-काफी, बिस्किट आदि की व्यवस्था की गई थी। कई स्थानों पर स्थानीय अंजुमन की ओर से सभी अंजुमनों को उपहार भी प्रदान किया जा रहा था। अंजुमन गुरुटोला की ओर से आर्टिफिशियल खुशबूदार फूलों का गमला, कुरान की आयतें लिखी शीशे में मढ़ी तस्वीरें, मिष्ठान का पैकेट व व इत्र आदि प्रदान किया गया। उधर बारावफात के जुलूस में भीड़ को देखते हुए अंजुमनों के एकत्र होने वाले स्थान से लेकर जुलूस के आखिरी पड़ाव स्थल तक सुरक्षा के लिहाज से हर प्वाइंट पर पुलिस चौकन्नी नजर आई। इस मौक़े पर शादाब अहमद, मेराज अहमद, इरफान अहमद, ख़ुर्शीद अहमद, सद्दाम अहमद, इशरार अहमद, डब्बू, पप्पू, सलीम अहमद, रियाज, आजाद, सरताज, शब्बीर, खालिद, अबरार, राजू, मोनू, रेहान, साकिब आदि लोग उपस्थित रहे।