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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

कोटिला-मंगरावां मार्ग पर बने गड्ढ़े में जाल डाल ग्रामीणों ने मछली पकड़ जताया विरोध

मार्ग का निर्माण दस दिन में शुरू न होने पर हाईवे जाम करने की चेतावनी


आजमगढ़। आठ किमी कोटिला-मंगरावां मार्ग की दुर्दशा से नाराज ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। ग्रामीणों ने राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के नेतृत्व में कोटिला बाजार में सड़क में बने तालाब में जाल लगाकर मछली पकड़ अपना विरोध जताया। उलेमा कौंसिल ने चेतावनी दी कि यदि दस दिन में उक्त मार्ग के निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे हाईवे जाम करेंगे। 

  बताते चलें कि कोटिला से मंगरावा मार्ग तीन विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। यह मार्ग कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है। इसी मार्ग से ​लोग आंवक ​​स्थित अवंतिकापुरी धाम में दर्शन-पूजन को जाते हैं। यही नहीं इस मार्ग पर दर्जनों गांव हैं। सावन के महीने में आंवक ‌स्थित अवंतिकापुरी धाम पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु इसी मार्ग से आते-जाते हैं। लेकिन वर्तमान में कोटिला बाजार से लेकर अवंतिकापुरी तक सड़क की हालत बदत्तर है। सड़के में हजारों की संख्या में गड्ढ़े हैं, कोटिला बाजार में तो हाईवे से उतरते ही तालाब की तरह गड्ढ़ा है। इसी तरह छोटे-बड़े हजारों गड्ढ़े इस मार्ग पर है। कई बार लोगों ने इसके निर्माण की मांग की। लेकिन अभी तक सड़क पर कोई काम शुरू नहीं हो सका है। सड़क में गड‌ढ़े इतने बड़े हैं कि पहली बार कोई देखे तो यहीं कहेगा कि यह सड़क नहीं तालाब है। 

नाराज ग्रामीणों ने रविवार को उक्त मार्ग पर राष्ट्रीय उलेमा काैंसिल के नेतृत्व में जाल लगाकर मछली पकड़कर अपना विराेध जताया। इस दौरान ज़िला महासचिव राष्ट्रीय ओलामा कौंसिल हाजी मतीउल्लाह ने कहा कि कई सालों से मात्र आश्वासन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटिला-मंगरावा मार्ग आठ किमी हैं, यह मार्ग पर दो सांसद के साथ तीन विधायकों के क्षेत्र में पड़ता है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार इन जनप्रतिनि​धियों से ​शिकायत की गई। लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब जनता चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि यदि दस दिन में सड़क का निर्माण नहीं शुरू हुआ तो हम लोग आजमगढ़-वाराणसी मार्ग पर जाम करने को बाध्य होंगे। वहीं कुछ ग्रामीणों ने सदर विधायक पर सीधा-सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि वे 40 साल से हमारे क्षेत्र के विधायक हैं, लेकिन आज तक इस क्षेत्र के लिए कोई काम नहीं किया, जबकि यह मु​स्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं। साथ ही ग्रामीणों ने अन्य जनप्रतिनिधयों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो आने वाले चुनावों में वोट का बहिष्कार करेंगे।