सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

इफ्तार पार्टी में दिखी गंगा-जमुनी तहजी‌ब की मिशाल

रोजेदारों ने उठाया लजीज व्यंजनों का लुत्फ

समाजसेवी मोहम्मद अफजल की ओर से इफ्तार पार्टी 

आजमगढ़। मुकद्दस (पवित्र) माह रमजान में गुरूटोला वार्ड स्थित एकतखा पुल मस्जिद के समीप रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। जिसमें रोजा इफ्तार पार्टी में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया।

आयोजक व सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद अफजल ने बताया कि इस पवित्र महीने में जितना भी एक-दूसरे की मदद की जाए उतनी ही फजीलत मिलती है। इफ्तार पार्टी में गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल व झलक दिखाई देती है। रोजा इफ्तार पार्टी में सभी धर्मो के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और आपसी भाईचारा व प्रेम की मिशाल पेश की है। हम सभी लोगों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हैं। अंजुमन गुरूटोला के अध्यक्ष मुन्ना अहमद इदरीसी ने कहा कि रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि लोग इसमें स्वेच्छा से प्रतिभाग कर भाईचारे का संदेश दें। इस मौके पर खालिद अंसारी, शाहिद अंसारी, हारिस इदरीसी, इरफान इदरीसी, पप्पू इदरीसी, जैगम अब्बास, अरशद वली, शहजाद अहमद, हाजी आजाद अहमद, हाजी अबरार अहमद, शाकिब, रजी आलम, खालिद लतीफ, नदीम अहमद, सलीम इदरीसी, मोनू, सरताज, इम्तेयाज, इश्तियाक, शादाब आलम, मनीष कृष्णा, रामजनम निषाद, विशाल साहू, अरविंद चौरसिया, मंजर मंसूर, मो असद, सब्बू, वकार अहमद हवारी, हाजी मुन्नवर अहमद आदि मौजूद रहे।