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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

दो सालों में रोडवेज की 25 बसें हुई स्वाहा, कभी शार्ट-सर्किट तो कभी धूम्रपान बनी वजह

लखनऊ। प्रदेश में रोडवेज बसों का बेड़ा भले ही काफी बड़ा है लेकिन, उसकी खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। जो बसें चलने लायक नहीं है, उन्हें भी जैसे-तैसे विभिन्न रूटों पर दौड़ाया जा रहा है। यही वजह है कि 24 माह में रोडवेज की 25 बसों में आग लगी, यात्रियों को किसी तरह से शीशा तोड़कर निकाला गया। अभी इन बसों से जल्द निजात मिलने की उम्मीद नहीं है।

राजधानी के आसपास नवंबर व दिसंबर माह में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की दो बसों में आग लग चुकी है। 28 नंवबर को अयोध्या रोड पर चिनहट के आगे कैसरबाग डिपो की जनरथ बस में चलती बस में आग लग गई, यात्रियों को जैसे-तैसे उतारा गया। इस घटना में लखनऊ क्षेत्र के सेवा प्रबंधक सहित तीन निलंबित हो चुके हैं। 11 दिसंबर को बंथरा में आजाद नगर डिपो की चलती बस में आग लगी। फोरमैन सहित अन्य पर कार्रवाई हुई है। सबसे अधिक घटनाएं चित्रकूट क्षेत्र में आग की घटनाएं होने पर वहां भी कार्रवाई हुई है। बसों में शार्ट सर्किट से 13 बसों में आग लगी है। इसी तरह से डीजल टैंक डैमेज होने व वाहन की टक्कर से दो-दो बसें सड़कों पर स्वाहा हो गईं।

29 दिसंबर को मंत्री की समीक्षा में उजागर

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने 29 दिसंबर को परिवहन निगम की समीक्षा की थी उसी में ये बातें सामने आईं। हालांकि मंत्री सिंह ने सात दिसंबर को ही निर्देश दिया था कि खस्ताहाल बसों को बेड़े से हटाएं। एमडी संजय कुमार पांच प्रतिशत बसों को हटाने का आदेश दे चुके हैं।

13 बार बसों में शॉर्ट सर्किट

कारण  बस संख्या
चालक की लापरवाही  एक 
शॉर्ट सर्किट 13
खाली बस में आग एक
टक्कर के कारण  दो 
यात्रियों के घूम्रपान के कारण  एक 
डीजल टैंक डैमेज दो 
उपद्रवियों का शिकार तीन 
ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल एक 
पहिए गर्म होने से एक
क्षेत्र का नाम घटना
मेरठ एक
सहारनपुर दो
अलीगढ़ तीन
मुरादाबाद एक
इटावा तीन
कानपुर दो
लखनऊ एक
गोरखपुर एक
वाराणसी दो
चित्रकूट पांच
देवीपाटन एक
नोएडा एक
कुल 25

इन आठ क्षेत्रों में घटना नहीं

आगरा, गाजियाबाद, बरेली, झांसी, अयोध्या, प्रयागराज, आजमगढ़ और हरदोई में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। बाकी क्षेत्रों में कहीं एक तो दो और कहीं पांच-पांच बसें जल कर हुईं नष्ट।