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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

 बेटी पैदा होने से दुखी पिता ने ट्रेन के आगे कटकर दी जान

भाई को बचाने के चक्कर में ‌बहन की भी कटकर मौत

आजमगढ़। बेटी पैदा होने के तीन दिन बाद डिप्रेशन में आकर युवक ने गोदान एक्सप्रेस से कटकर जान दे दी। भाई को बचाने के लिए दौड़ी बहन की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। घटना निजामाबाद थाना क्षेत्र में कयामुद्दीनपुर पट्‌टी के पास की है।​​​​​​

  मृतक सोनू यादव (33) कंधारपुर का रहने वाला था। गांव वालों के मुताबिक, सोनू ने बताया था घर में पत्नी और दो बहनें पहले से थी। 15 नवंबर को एक बेटी और पैदा हो गई। उसके पालन-पोषण को लेकर वह टेंशन में था। बेटी के जन्म के बाद से ही सोनू टूट गया था। यही वजह है कि उसने आत्महत्या करने जैसा घातक कदम उठाया है। सोनू गैस एजेंसी की गाड़ी चलाता था। दो साल पहले उसकी मां की मौत हो गई थी। पिता भी छह महीने पहले ही घर से झगड़ा कर कहीं भाग गया। घर पर सोनू की दो बहनें गुड़िया (13) और पूजा थी। पिता दिनेश यादव के जाने के बाद पूरे घर के खर्च चलाने की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी। लोगों के मुताबिक सोनू आर्थिक तंगी के चलते सोनू ने आत्महत्या किया। बेटी के पैदा होने के बाद से वह चिंतित था। सोनू अपनी ससुराल जगदीशपुर में रहता था। 15 नवंबर को उसकी पत्नी ने सरायमीर के एक अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया था। बेटी के पैदा होने के बाद आर्थिक तंगी की वजह से वह डिप्रेशन में चला गया था। 17 नवंबर को वह अपने गांव कंधरापुर आया था। शुक्रवार को खेतों को देखने के बाद दोपहर में 11 बजे पल्सर बाइक से बहन गुड़िया को लेकर घर जा रहा था। तभी रास्ते में गोदान एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। उसने ट्रेन को आते देख बाइक को रेलवे लाइन के किनारे खड़ी की। बहन से गाड़ी से उतरने को कहा। वह जैसे ही बाइक से उतरी सोनू आगे बढ़कर रेलवे लाइन पर जाकर खड़ा हो गया। तभी ट्रेन वहां से गुजरी। बहन ने देखा तो वह बचाने के लिए दौड़ी। जब तक वह भाई को बचा पाती, दोनों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।