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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

बरहतिर जगदीशपुर में सात दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव का चौथा दिन

मर्यादा की प्रतिमूर्ति है भगवान श्रीराम का चरित्र: पंडित गोविंद शास्त्री

जहानागंज। बरहतिर जगदीशपुर के रामलीला मंच पर आयोजित सात दिवसीय श्री राम कथा महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। 

प्रवचनकर्ता दिवाकर पंडित गोविंद शास्त्री ने कहा कि राम नाम का संकीर्तन व्यक्ति के जीवन के मुक्ति का सबसे बड़ा साधन है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मंत्र है जो जीवात्मा का संबंध परमात्मा से कर देता है। सेतु बांध निर्माण के समय भगवान राम ने एक पत्थर उठाकर अपने हाथ से जब समुद्र में डाला तो वह पत्थर डूब गया। इस पर जब उन्होंने हनुमान से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ तो हनुमान ने कहा प्रभु जिसका आप परित्याग कर देंगे वह भवसागर में डूब ही जाएगा यह तो पत्थर है। जिस पर आपका नाम अंकित है वह आपके नाम के सहारे तैर कर भवसागर पार कर जाता है। लेकिन जिसे आप छोड़ देते हैं वहः अधर में ही नष्ट हो जाता है। आपके नाम में अपार शक्ति का संचार होता है। कार्यक्रम का शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख रमेश कन्नौजिया एवं मंशा प्रसाद वर्मा उर्फ मुन्ना सेठ, श्याम नारायण राय, जवाहिर, उमेश राय, सौरभ राय, मोनू राय, अनीश राय ने रामायण पूजन के साथ भगवान के चित्र पर पुष्प अर्पित किया।