अनायास चालान कटने से पुलिस और पब्लिक में होती है बहस
पब्लिक में उत्पीड़न को लेकर बढ़ रहा गुस्सा, उतर सकती है सड़क पर
समाजसेवी ने समस्या के निदान को डीएम को सौंपा ज्ञापन
आजमगढ़।
नगरपालिका प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम जनता भुगत रही है। नगर में
कहीं पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। पर्वो का समय लोग बाजार खरीदारी को
पहुंच रहे हैं, पार्किंग की व्यवस्था न होने पर लोग अपनी बाइक जैसे जहां
जगह मिल रही है, खड़ी कर खरीदारी में जुट जा रहे हैं। जब तक लोग खरीदारी कर
लौट रहे हैं, पता चल रहा है कि चालान काट दिया गया है, शहर में अनायास हो
रही गाड़ियों के चालान से लोगों का पारा चढ़ता जा रहा है। आए दिन किसी न
किसी की पुलिस वालों से इसे लेकर बहस होती रहती है, लोग बेबस हैं पुलिस
वालों को तो कुछ नहीं कर सकते। बस प्रशासन को कोसते हुए चले जाते हैं। इसी
समस्या के निराकरण की मांग को लेकर शनिवार को उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ
के महासचिव गोविंद दूबे के
नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला। ज्ञापन सौंप समस्या के
अतिशीघ्र निदान की मांग की।
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महासचिव गोविंद दूबे
ने कहा कि शहर में उचित पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण प्रतिदिन गांव
से आने वाले ग्रामीणों को पता ही नहीं होता है कि पार्किंग कहां करनी है,
कहां नहीं करनी है। वह अपनी गाड़ी उचित समझते हैं, वहां खड़ी कर अपने कार्य
करने चले जाते हैं। कार्य निपटाकर घर पहुॅंचते हैं तब तक सिस्टम
द्वारा उनकी जेबे काटी जा चुकी होती है। इसी तरह शहरवासी जब सब्जी व अन्य
जरूरी काम के लिए अपना घर छोड़ कर बाजार आते है, तो उनके साथ भी यही हादसा
होता है। शहर के मुख्य चौक पर तो हालत काफी खराब है, सड़क पर ठेला, रिक्शा
सहित अन्य तरह से अतिक्रमण है, नगर में पार्किंग की व्यवस्था करना
नगरपालिका की जिम्मेदारी है। लेकिन पालिका प्रशासन से किसी को कोई उम्मीद
नहीं है। सभी रामभरोसे सड़क पर जहां जगह मिली बाइक पार्क किया और समान की
खरीदारी करने लगे। लौट कर आने पर पता चलता है कि चालान कट गया। आखिर जनता
किसे दोष और गाड़ी लेकर कहां जाए। गोविंद दूबे ने मांग करते हुए कहा कि जब
तक पार्किंग की व्यवस्था न हो जाए इस प्रकार किए जा रहे चालान पर रोक लगाई
जाए। या फिर पार्किंग की तत्काल व्यवस्था की जाए। अन्यथा किसी भी समय आम
जनमानस रोड पर उतरने के लिए
बाध्य होगी। ज्ञापन
देने वालों में अरूण कुमार चौरसिया, अजय कुमार राय, आलोक
यादव, गोरख सिंह, अशोक कुमार पांडेय, आलोक पाठक, लोकनाथ सिंह, जगपाल
चौरसिया, युधिष्ठिर दूबे, रविकांत
राय, नीरज दूबे, अवध मिश्रा, सुबाष यादव, राकेश मौर्य, गणेश पाठक
मौजूद रहे।