सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

विश्वेश्वर ने नहीं मानी हार, आठवें प्रयास में मिली सफलता


पीसीएस 2021 में चयन से परिजनों में हर्ष, बधाई को तांता

सगड़ी। तहसील क्षेत्र के गड़ेरुवा गांव के विश्वेश्वर का चयन पीसीएस 2021 में हुआ है। उन्होंने 161वीं रैंक प्राप्त की है। विश्वेश्वर के चयन से परिजनों के साथ ग्रामीणों में हर्ष है। उनके आवास पर बधाई देने वालो का तांता लगा है। इस दौरान एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। 

गड़ेरुवा गांव के विशेश्वर सिंह पुत्र स्व  रमाशंकर सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत से 2021 पीसीएस परीक्षा में अपना स्थान हासिल किया। विशेश्वर सिंह की प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय गड़ेरुवा गांव से हुई। उन्होंने जूनियर की शिक्षा अपने गांव से सरकारी स्कूल से प्राप्त किया। हाईस्कूल हरैया और इंटरमीडिएट मालटारी से किया। ग्रेजुएशन लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ  और पीजी बीएड कानपुर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। वर्तमान समय में बावन बीघा इंटर कॉलेज लमही वाराणसी में शिक्षक बतौर तैनात हैं। वर्ष 2013 से पीसीएस की परीक्षा का मेंस तक पहुंचे। लगातार सात बार मेंस तक पहुंचने के बाद हिम्मत नहीं हारी और अंततः आठवीं बार मेंस तक पहुंचे और आखिरी बार 2021 में उन्हें सफलता मिली। तीन भाई हैं, ओमप्रकाश हरिद्वार में फारेस्टर हैं तो वहीं दूसरे भाई सच्चिदानंद सिंह पोस्टमास्टर हैं। गांव पर ही रहते हैं। यह खबर सुनकर उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा है। 

बधाई देने वालों में गांव के अभिषेक सिंह उर्फ उधम सिंह, सच्चिदानंद सिंह, वीरेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, पवन सिंह, अंशुमान सिंह, हरिओम सिंह, बृजभूषण सिंह, राजकुमार, लाल बहादुर सिंह, रीता सिंह, ममता सिंह, आयुषी, प्रतिभा सिंह आदि शामिल हैं।