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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष का फूंका प्रतिकात्मक पुतला

 



हिंदू-मुस्लिम एकता जिंदाबाद के लगाए नारे

आजमगढ़। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के विवादित बयान से  क्षुब्ध होकर इस्माईल फारूकी के नेतृत्व में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष का प्रतिकात्मक पुतला कलेक्ट्रेट चौराहे पर फूंका गया। इस दौरान मुस्लिम वर्ग के युवाओं द्वारा हिन्दू मुस्लिम एकता जिंदाबाद का जमकर नारा लगाया।

  इस्माईल फारूकी ने कहा कि इस्लाम हिंदुस्तान में तलवार के बल पर नहीं बल्कि शुफिरीजम और आपसी शौहार्द के बल पर फैला है। शौकत अली जैसे लोग मोहम्मद गोरी, बाबर को अपना आईडियल मानते होंगे जबकि ये लोग हिन्दुस्तान की सरजमीं पर केवल सोना, चाँदी के लूट के इरादे से आये थे। ऐसे लोगों को इस्लाम के विस्तार या इस्लाम से कोई सरोकार नहीं था। जो वास्तविक इस्लाम धर्म का पक्षधर होता है वे कभी भी किसी की अमानत या बहन-बेटी पर बुरी नजर नहीं रखेगा। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष पहले से ही समाज में जहर बेचने का व्यवसाय करते आ रहे है, अब वे सस्ती लोकप्रियता के लिए अपने दूषित जुबान से समाज में जहर घोलने से बाज नहीं आ रहे है। इस्माईल फारूकी ने कहाकि एआईएमआईएम के लोगों को पुनः इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ को पढ़ने व उससे सीख लेने की आवश्यकता है। उन्होने आगे कहाकि मुस्लिम समाज अब ऐसी ओच्छी राजनीति को भली भांति समझ चुका है। मुस्लिम समाज ऐसे लोगों को अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होने देगा। जिसको लेकर आगे भी हम अपना विरोध जाहिर करते रहेंगे।  इस मौके पर फरहान खॉन, अली असगर, आजम खाँ, अमजद मिर्जा, फूजैल खाँ, आजाद आजमी, अली हैदर, मौलाना मेराज, हाफिज सुभान, अदनान शेख, वशी खाँ, फवाज अहमद, खुर्शीद अहमद, मोशन्ना एवं जाकिर खाँ आदि लोग मौजूद रहे।