सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

दीपांशु हत्याकांड: पुलिस लखनऊ तक लगाती रही दौड़, अभिषेक ने दूसरे मामले में किया सरेंडर

दो दिन पूर्व हुए दीपांशु हत्याकांड में भी नामजद किया गया है पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष
तीन अन्य नामजद संग छात्रसंघ अध्यक्ष की मां व पत्नी अभी भी पुलिस की हिरासत में

आजमगढ़। शहर के एलवल मुहल्ले में बीते मंगलवार की देर शाम एक युवक की घर के पास ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में शामिल तीन आरोपियों व एक अन्य आरोपी के पत्नी व मां को पुलिस घटना वाले दिन से ही हिरासत में ले रखी है। पुलिस की पकड़ में नहीं आने वाले आरोपी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष की तलाश में पुलिस दौड़ ही लगाती रह गई और नामजद हत्यारोपी ने बृहस्पतिवार को कोर्ट में पहुंच कर एक पुराने मामले में खुद को सरेंडर कर दिया।
एलवल मुहल्ला निवासी दीपांशु चौधरी (19) पुत्र विजय चौधरी मंगलवार की शाम घर से चाय पीकर निकला। इसके कुछ ही देर बाद वह डीएवी पीजी कालेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अभिषेक उपाध्याय उर्फ निक्की के घर के सामने स्थित हाते के पास संदिग्धावस्था में लगी गोली से घायल हो गया। मुहल्ले के ही रहने वाले कुछ युवक उसे उठा कर पुलिस को सूचना दिए बगैर ही लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां दीपांशु की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने घटना की सूचना पुलिस को दिया। इसके बाद कई थानों की पुलिस के साथ एसपी अनुराग आर्य भी मौके पर पहुंच कर मुआयना किए। पिता विजय चौधरी की तहरीर पर अभिषेक उपाध्याय निक्की समेत मृतक को अस्पताल पहुंचाने वाले सौरभ यादव उर्फ निरहू, राजीव यादव व गुड्डू शर्मा के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। सौरभ, राजीव व गुड्डू के अलावा अभिषेक उपाध्याय की मां व पत्नी घटना वाली रात से ही पुलिस कस्टडी में है। अभिषेक की तलाश में पुलिस आजमगढ़ में जगह-जगह दबिश देने के साथ ही लखनऊ तक की दौड़ लगाई लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका। बृहस्पतिवार को दिन में लगभग एक से दो बजे के बीच अभिषेक उपाध्याय दीवानी न्यायालय पहुंचा और खुद को कोर्ट के समक्ष एक दूसरे मामले में सरेंडर कर दिया। जहां से कोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। हिरासत में लिए गए तीनों अन्य आरोपियों के अलावा अभिषेक की मां व पत्नी बृहस्पतिवार की देर शाम तक पुलिस हिरासत में ही थी।
00000000000
कोरोना काल में अस्पताल के खिलाफ दुष्प्रचार मामले में किया था सरेंडर
आजमगढ़। लगभग दो वर्ष पूर्व कोरोना काल में एक प्राइवेट अस्पताल व डॉक्टरों के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया था। इस मामले में डॉ. डीपी राय ने शहर कोतवाली में एक मुकदमा पंजीकृत कराया था। जिसमें दीपांशु हत्याकांड में नामजद किए गए अभिषेक उपाध्याय उर्फ निक्की के अलावा विवेक पांडेय, विनीत सिंह, अरविंद सिंह आदि शामिल थे। एक जुलाई 2020 को शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। दीपांशु हत्याकांड में भी नाम आने के बाद पुलिस ने अभिषेक की गिरफ्तारी को लेकर दबिश देना शुरू कर दिया। जिस पर उसने बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष कोरोना काल में दर्ज हुए दुष्प्रचार के मामले में समर्पण किया।