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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

जहानागंज के मुस्तफाबाद बनकटा की श्रीरामलीला


 राम वन गमन से अयोध्यावासी दुखी




जहानागंज। क्षेत्र के मुस्तफाबाद बनकटा गांव में रामलीला के पांचवें दिन शुक्रवार को जब भगवान राम को 14 वर्ष के लिए वन हुआ तो पूरे दर्शक भावुक हो गए। पांचवें दिन रामलीला का प्रारंभ राजा दशरथ के दरबार में उत्सव से शुरू हुआ। राजा दशरथ ने अपने मंत्री सुमंत से कहा कि राम के राज्याभिषेक की तैयारी की जाए। तभी मंथरा ने कैकेयी से जाकर बोली कि कौशल्या के पुत्र राम को राजगद्दी मिल रही है।तुम्हारे बेटे भरत को कुछ नहीं मिला। इस पर कैकेयी कोप भवन में चली गई। जब राजा दशरथ को पता चला तो वह कैकेई को मनाने के लिए कोपभवन में गए।कैकेयी ने राजा दशरथ से वरदान के रूप में राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी मांगी। इस पर पूरे अयोध्या में शोक की लहर दौड़ पड़ी। राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी वन के लिए निकल पड़े। केवट ने राम का पैर धुलकर नांव में बैठाया। केवट का किरदार आशीष मिश्र, मंथरा का रोल चंद्रजीत मौर्य ने किया।