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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

यूपी एटीएस का बड़ा खुलासा, गिरफ्तार तस्करों के पाकिस्तान से जुड़े हैं तार

काजी गन हाउस से होती थी असलहों की सप्लाई


आजमगढ़। यूपी एटीएस द्वारा बुधवार को बिलरियागंज क्षेत्र से दो असलहा तस्करों की गिरफ्तारी व अवैध असलहा फैक्ट्री के पर्दाफाश के बाद नित नए खुलासे हो रहे है। जिला मुख्यालय स्थित जिस काजी गन हाउस को प्रशासन ने सील किया था उसके तार भी असलसे के अवैध करोबार से जुड़ गए हैं। फैक्ट्री में तैयार असलहों को इसी गन हाउस से विभिन्न जिलों में सप्लाई की जाती थी। कारतूस की व्यवस्था भी गन हाउस का संचालक करता था। यहीं नहीं बिलरियागंज से गिरफ्तार आरोपियों के तार सीधे पाकिस्तान, दुबई और नेपाल से जुड़े है जिसके कारण एटीएस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। वहीं स्थानीय पुलिस अब आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में जुट गई है।

  बता दें कि यूपी एटीएस ने बुधवार की रात बिलरियागंज थाना क्षेत्र में छापेमारी कर दो लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार और हथियार बनाने के उपकरण भी बरामद हुए थे छापेमारी में पत्तीला गौसपुर के रहने वाले मैनुद्दीन और बिलरियागंज कस्बे के रहने वाले आफताब पुत्र फिरोज को एटीएस अपने साथ लखनऊ ले गई है। एटीएस ने मौके से चार पिस्टल,10 एयरगन, एक बंदूक के साथ बड़ी संख्या में अर्धनिर्मित हथियार और दो बक्शे भरकर हथियार बनाने के उपकरण भी बरामद किए थे। बरामद की गई एयरगन को मॉडिफाई कर हथियार बनाया जाता था। वहीं एटीएस से मिले इनपुट के बाद गुरुवार की रात काजी गन हाउस को सीज कर दिया गया था। जांच में सामने आया है कि देवारा क्षेत्र के इब्राहिमपुर में खेती की भूमि पर अवैध फैक्ट्री का संचालन होता था। यहां से तैयार असलहों को काजी गन हाउस के जरिए विभिन्न जिलों में सप्लाई किया जाता था। यही नहीं कारतूस की व्यवस्था भी काजी गन हाउस का संचालक करता था। वर्तमान में वह फरार है। इब्राहिमपुर में असलहों के तैयार करने के लिए एक कारीगर रखा गया था। बाढ़ आने के बाद इस फैक्ट्री का संचालन आरोपी अपने घरों से कर रहे थे। इस खुलासे के बाद जिले की पुलिस भी सक्रिय हो गई है। कारण कि जांच में सामने आया है कि मैनुुद्दीन के तार पाकिस्तान, दुबई व नेपाल से जुड़े हुए हैं। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के मुताबिक यूपी एटीएस व आजमगढ़ पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में पतिला गौसपुर के रहने वाले मैनुद्दीन शेख पुत्र शम्मू अहमद और बिलरियागंज कस्बे के रहने वाले आफताब आलम पुत्र फिरोज को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं। यह दोनों आरोपी अवैध शस्त्रों के निर्माण और तस्करी में संलिप्त थे। इसके साथ ही यह लोग गन हाउस से कारतूस प्राप्त कर बिक्री करते थे। इसमें शहर कोतवाली क्षेत्र के कांजी गन हाउस का मालिक सैय्यद काजी अरशद भी शामिल था। काजी गन हाउस के माध्यम से पूरे पूर्वांचल में हथियारों की तस्करी की जाती थी। मामले में यूपी एटीएस का गाइडेंस और सहयोग किया जाएगा। जो भी लोग इस पूरे रैकेट में शामिल हैं उन पर गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई करने के साथ उनकी संपत्तियों को सीज कर पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा। मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम गठित की जाएगी।