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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

मुकदमे से नाम निकालने को सीओ के पेशकार ने लिए 70 हजार

नाम भी नहीं निकला, हो गई 82 की कार्रवाई
पैसा वापस करने पर हाजिर होने की सलाह दे रहा सलाह

आजमगढ़। गंभीरपुर थाना क्षेत्र के हरिश्चंदपुर गांव में हुई मारपीट के एक मामले में आरोपी बनाए गए युवक का नाम मुकदमे से वापस निकालने के लिए सीओ सदर के पेशकार ने एक आरोपी की मां से 70 हजार रुपये ले लिया। इसके बाद भी आरोपी का नाम मुकदमे से नहीं निकाला गया। इतना ही नहीं आरोपी के घर 82 की नोटिस भी चस्पा हो गई। जिस पर आरोपी ने एसपी को पत्रक सौंप कर पैसा वापस दिलाने की मांग किया है।  हरिश्चंदपुर गांव में नौ मई 2022 में पूर्व व वर्तमान प्रधान पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। मारपीट की इस घटना में वादी मुकदमा पूर्व प्रधान इंदल कुमार ने वर्तमान प्रधान विरेंद्र यादव, महेंद्र यादव, साजमन, पंकज, प्रीत‌ि व राजकुमार को नामजद किया। मुकदमे की विवेचना तत्कालीन सीओ सदर द्वारा की जा रही थी। इस मामले में साजमन का नाम मुकदमे से वापस निकालने के लिए सीओ सदर के पीआरओ ने मां लक्ष्मीना से 70 हजार रुपये ले लिया। पैसा लेने के बाद भी साजमन का नाम नहीं निकाला गया और 82 की नोटिस भी चस्पा हो गई। साजमन ने जब सीओ पेशकार से इस बाबत बात किया तो उसने हाजिर हो जाने की सलाह दिया। इसके साथ ही साजमन की पेशकार से पैसे के लेनदेन व उसे वापस करने को लेकर बातचीत का आडियो भी वायरल हो रहा है। साजमन पुलिस विभाग में कांस्टेबल था और वाराणसी में उसकी तैनाती थी। शासन स्तर से बर्खास्त किए गए 74 सिपाहियों में वह भी शामिल है। साजमन ने एसपी को पत्रक सौंप कर पेशकार से पैसा वापस दिलाने व मुकदमे की नए सिरे से जांच करा कर कार्रवाई किए जाने की मांग किया है। साजमन का आरोप है कि मुख्य आरोपी महेंद्र यादव है और उसे बचाने का पूरा प्रयास सीओ की जांच में हुआ है।
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विभागीय मामला है, शिकायत प्राप्त हुई है। जांच की कवायद चल रही है। जांच पूरी होने पर यदि आरोप सिद्ध होता है तो निश्चित तौर पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शैलेंद्र लाल, एसपी सिटी