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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

पीसीएस 2021 में सफलता से परिवार में हर्ष

सब रजिस्ट्रार बने गंधूपुर निवासी संदीप चौहान

बधाई का लगा तांता, मिष्ठान खिला जताई खुशी

सगड़ी। दृढ़ संकल्प और धैर्य हो तो किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है। इस बात को चरितार्थ किया है जनपद आजमगढ़ के अजमतगढ़ विकासखंड के जमालुद्दीनपट्टी हाता से सटे ग्राम गंधूपुर निवासी संदीप कुमार चौहान ने। संदीप के पीसीएस 2021 में सफलता से परिवार में हर्ष का माहौल है। उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता जंतरी देवी और पिता रामरूप चौहान को दिया।

बता दें कि संदीप पीसीएस 2021 के रिजल्ट में सब रजिस्ट्रार के रूप में चयनित हुए हैं। संदीप ने स्नातक, परास्नातक और एलएलबी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे दिल्ली में लगातार सिविल सर्विस की तैयारी में लगे रहे। यूपीएससी और पीसीएस की परीक्षाओं में वे कई बार इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन अंतिम सफलता नहीं मिली। दृढ़ इच्छाशक्ति वाले संदीप हिम्मत नहीं हारे और अंततः पीसीएस 2021 में वे चयनित हुए। संदीप ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार, गुरुजन, मित्रों, संबंधियों और शुभचिंतकों को दिया। विपरीत परिस्थितियों में भी परिवार के त्याग को याद करते हुए संदीप ने कहा कि मेरा प्रयास दादा जी स्रामधनी चौहान के कठिन दिनों के संघर्ष को एक आकार देने की कोशिश थी। संदीप के चयन पर दादी मुरही देवी, भाई यशवंत, प्रदीप और बहन सुषमा, भतीजे अमन, अनंत और अंशुमान, अश्रिया, प्रांजलि सहित समस्त ग्रामवासियों ने खुशी है। यहां बता दें कि संदीप के  दो बड़े भाई यशवंत और प्रदीप (लोको पायलट, साउथ सेंट्रल रेलवे), दीदी सुषमा एलटी जीआईसी में चयनित हैं।