
जीआरपी पुलिस ने फोन कर परिजनों को दी सूचना
मथुरा।
मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। सात माह की बच्ची
के शव को लेकर उसकी मांग रात भर सड़कों पर भटकती रही। कुछ देर बाद एक
ई-रिक्शा चालक उसे रेलवे
स्टेशन पर छोड़कर चला गया। वहां भटक रही महिला को देख जीआरपी ने पूछताछ के
बाद उसके परिजनों को सूचना दी। सूचना पर परिजन रेलवे स्टेशन पहुंचे।
जीआरपी ने पंचायतनामे की प्रक्रिया के बाद बच्ची का शव परिजनों को सौंप
दिया। मामला मथुरा का है।
सोमवार
की सुबह जंक्शन रेलवे स्टेशन की मुख्य एंट्री के सर्कुलेटिंग एरिया में
बने शौचालय के पास अबोध बच्ची के शव के साथ एक महिला को बिलखता देख लोगों
ने इसकी सूचना जीआरपी को दी। सूचना मिलने के बाद जीआरपी थाने के उप
निरीक्षक शिवपाल सिंह, महिला सिपाही रेखा राजौरिया के साथ मौके पर पहुंचे।
बच्ची के शव के पास बिलख रही महिला से महिला सिपाही ने बात करने का प्रयास
किया तो उसने कुछ नहीं बताया। काफी प्रयास के बाद महिला ने अपना नाम सपना निवासी छोटी हवेली,
गोवर्धन, मथुरा बताया। साथ ही एक कागज का टुकड़ा महिला सिपाही को दिया, जिस पर एक
मोबाइल नंबर लिखा था। महिला सिपाही ने उस नंबर पर बात की। फोन नारायण
सिंह ने रिसीव किया। महिला सिपाही ने नारायण को पूरे घटना क्रम से अवगत
कराया तो उसने कहा कि महिला उसकी पत्नी सपना है और उसके साथ जो सात माह की
बच्ची है वह उसकी बेटी लक्षिका है। सपना रविवार की शाम को बीमार बच्ची के
साथ घर से निकल गई थी। वह उसकी तलाश में जुटे हैं। कुछ देकर बाद नारायण
सिंह अपनी बहन कमलेश और उसके पति के साथ जंक्शन पहुंच गए। नारायण
ने जीआरपी को बताया कि उसकी बेटी लक्षिका विगत कुछ दिन से बीमार थी।
रविवार की शाम को सपना बीमार बच्ची को लेकर घर से यह कह कर निकल आई कि वह
मथुरा में उसका बेहतर इलाज कराएगी। उसके घर से निकल जाने के बाद वह पूरी
रात मथुरा के सभी अस्पतालों में उसकी तलाश करते रहे लेकिन वह नहीं मिली।
सपना ने पति को बताया कि गोवर्धन से जब वह मथुरा के लिए चली तभी रास्ते में
उसकी बच्ची ने दम तोड़ दिया। रात अधिक हो जाने के कारण उसे गोवर्धन जाने
के लिए कोई साधन भी नहीं मिला और उसके पास पैसे भी नहीं थे। वह रात भर
सड़कों पर यहां वहां बच्ची के शव को लेकर भटकती रही। सुबह एक ई-रिक्शा चालक
उसे जंक्शन पर छोड़कर चला गया। नारायण सिंह ने जीआरपी को बताया कि वह
गोवर्धन में ई-रिक्शा चला कर अपने परिवार का गुजर बसर करता है। जीआरपी ने
बच्ची के शव का पंचायतनामा भरकर उसे परिजनों को सौंप दिया।