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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Lucknow : सपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता आईपी सिंह की कोर्ट में अचानक बिगड़ी तबीयत

कल NBW में भेजे गए थे जेल

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता आईपी सिंह शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्‍होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि आईपी सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए। 

बता दें कि कई वर्षों से लंबित एक मुकदमे में लंबे समय से गैरहाजिर रहने के चलते आईपी सिंह के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो गया था। गुरुवार को आईपी सिंह कोर्ट में हाजिर हुए तो उन्‍हें न्‍यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया था। आज उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान ही वह बेहोश हो गए। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 में जिला पंचायत चुनाव के दौरान बूथ कैप्चरिंग और बवाल के मामले में आईपी सिंह को बलरामपुर की थाना देहात पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस समय पूर्व बसपा विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू की पत्नी सविता सिंह जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ रही थीं। भाजपा के पूर्व सांसद स्व. सत्यदेव सिंह अपनी पत्नी स्व.सरोज रानी सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाना चाहते थे। सविता सिंह को उनका मुख्य प्रतिद्वंदी माना जा रहा था। थाना देहात के गैंजहवा पोलिंग स्टेशन पर बूथ कैप्चर करने के आरोप में आईपी सिंह को गिरफ्तार किया गया था। उस समय इस मामले में उन्हें जमानत मिल गई थी लेकिन बाद में एमपी एमएलए कोर्ट के कई बार समन भेजे जाने के बावजूद वह हाजिर नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने आईपी सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी काफी दिन तक वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। 15 दिन पहले न्यायालय ने उनके खिलाफ कुर्की की नोटिस जारी कर दी थी जिस पर वह गुरुवार अदालत में हाजिर हुए और अंतरिम जमानत मांगी। कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर उन्‍हें जेल भेज दिया। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के लिए उन्हें न्यायालय लाया गया था। एसपी राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि सपा नेता की तबीयत कोर्ट में अचानक खराब हो गई। उन्हें क्या परेशानी है यह स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही पता चलेगा। जिला मेमोरियल चिकित्सालय के सीएमएस डा. अशोक कुमार ने बताया कि सपा नेता आईपी सिंह को अस्पताल लाया गया था। उनमें हार्ट अटैक के लक्षण दिख रहे थे। विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें लखनऊ के लारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है।