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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Gujarat: वडोदरा में चौंकाने वाला मामला, शादी के आठ साल बाद पता चला पहले महिला था पति

            दोनों की मुलाकात मैट्रिमोनियल वेबसाइट से हुई, फरवरी, 2014 में शादी हुई

गुजरात। वडोदरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को शादी के आठ साल बाद पता चला कि उसका पति पहले एक महिला था। उसने पुरुष बनने के लिए लिंग परिवर्तन कराया था। दोनों की शादी 2014 में हुई थी। मामला तब सामने आया, जब सयाजीगंज की महिला ने पति डॉ. विराज वर्धन के खिलाफ शहर के गोत्री थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत 2020 में कोलकाता में विराज की हुई सर्जरी की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दर्ज कराई गई। 

महिला ने आरोप लगाया कि सर्जरी के दस्तावेज से पता चला कि उसका पति शुरुआत से एक महिला था। बाद में उसने लिंग परिवर्तन कराया और इस मामले को शादी के आठ साल तक छिपाए रखा। तथ्यों की जांच के बाद पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की और विराज उर्फ विजेता को दिल्ली से वडोदरा लाई। शिकायत के मुताबिक, आरोपी विराज दिल्ली का रहने वाला है। उसने वडोदरा की महिला से शादी की थी लेकिन दोनों का रिश्ता कभी भी पति-पत्नी की तरह नहीं रहा। 

मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये हुई थी मुलाकात

महिला के वकील सिद्धार्थ पवार ने खुलासा किया, दोनों की मुलाकात मैट्रिमोनियल वेबसाइट से हुई। तब महिला विधवा थी। फरवरी, 2014 में शादी हुई। दोनों के परिजन शादी के लिए जब वडोदरा में मिले तब आरोपी के परिवार ने उसके महिला होने की जानकारी नहीं दी। सच्चाई छिपाने के आरोप में पुलिस ने विराज की मां व बहन के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की है।

कभी दुर्घटना का बहाना तो कभी एलर्जी का

वडोदरा के डिप्टी पुलिस कमिश्नर अभय सोनी ने बताया, शादी के बाद दोनों दिल्ली आ गए। तब से उनमें शारीरिक रिश्ते नहीं बने। महिला ने जब पति पर दबाव डाला तो उसने दावा किया कि कुछ साल पहले रूस में उसके साथ दुर्घटना हुई थी, जिस वजह से वह यौन संबंध बनाने में असमर्थ हो गया। वह प्राइवेट पार्ट में एलर्जी के बहाने भी बनाता था।

पति का दावा...पत्नी सबकुछ पहले से जानती थी

विराज ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि शादी से पहले वह (पत्नी) सबकुछ जानती थी। लिंग परिवर्तन के लिए सर्जरी कराने की बात से भी वह अवगत थी। सर्जरी के तीन चरणों की प्रक्रिया अभी बाकी है, यह बात भी उसे पता है। विराज ने कहा, मैंने उसकी बेटी को आधिकारिक रूप से अपनाया था। अब शादी के आठ साल बाद दावा कर रही है कि वह अपने पति के शरीर को भी नहीं जानती है।

दोनों अलग-अलग कमरे में रहते थे 

विराज ने दावा किया, हम दोनों पिछले कुछ वर्षों से अलग-अलग कमरे में रह रहे हैं। उसने मेरे कमरे में कैमरा लगाया था और तस्वीरें खीचती थीं।