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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

चार साल में दोबारा हुई कैंसर की पुष्टि तो युवक ने नदी में लगाई छलांग

आजमगढ़। जौनपुर जिले में एक युवक में चार साल के भीतर दूसरी बार कैंसर की पुष्टि हुई तो उसके सब्र का बांध टूट गया। युवक ने मंगलवार की दोपहर शाही पुल से नदी में छलांग लगा दी। घटना की जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस युवक की तलाश में जुटी है। युवक ने अस्पताल से लौटते समय चक्कर का बहाना करके यह आत्मघाती कदम उठाया। जौनपुर जिले के अहियापुर गांव निवासी संतोष प्रजापति को चार साल पहले कैंसर हुआ था। कीमो थिरेपी के जरिए उसका इलाज चल रहा था। बीच में उसकी रिपोर्ट नार्मल आई थी। इससे पूरा परिवार खुश था। हाल में उसे कुछ दिक्कत हुई तो फिर उसकी जांच वाराणसी भेजी गई थी। जांच रिपोर्ट में संतोष को दोबारा कैंसर की पुष्टि की गई थी। मंगलवार को अस्पताल में रिपोर्ट देखने के बाद उसे गहरा झटका लगा। इसके बाद वह बाइक से परिवार के दो लोेगों के साथ घर के लिए रवाना हो गया।

चक्कर आने पर शाहीपुल पर रुका संतोष
शाहीपुल पर पहुंचते ही संतोष ने बाइक चला रहे युवक को बताया कि उसे चक्कर आ रहा है। इसके बाद उसने बाइक रोक दी। उसके साथ दूूसरी बाइक पर सवार लोग भी वहीं रुक गए। संतोष पुल पर बैठ गया तो लोगों को लगा कि अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा लेकिन संतोष के दिल में कुछ और ही था। मौका देखकर उसने गोमती नदी में छलांग लगा दी। जब तक लोग कुछ समझ पाते संतोष नदी की धारा में समा गया। साथ के लोगों ने शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। मौके पर मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो गोताखोरों को संतोष की तलाश में लगाया गया। लेकिन कहीं पता नहीं चला। साथ आए लोगों का कहना है कि संतोष चक्कर आने का बहाना करके रुका था। उसने पानी लाने को कहा। पानी पीने के बाद हम बाइक पर बैठ गए लेकिन वह नहीं बैठा और नदी में छलांग लगा दी। किसी को मौका ही नहीं मिला कि कुछ कर पाता। परिजनों के मुताबिक 4 साल पहले संतोष को कैंसर की पुष्टि हुई थी। कीमो थिरेपी के जरिए इलाज भी चल रहा था। कैंसर की जांच के लिए रिपोर्ट बनारस गई थी। जांच रिपोर्ट में संतोष को दोबारा कैंसर की पुष्टि हुई थी। इससे वह सदमे में था।