सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: शाहजहांपुर से मिली बच्ची के उम्र को लेकर फंसा पेंच, आयु परीक्षण को भेजा बलिया

शहर कोतवाली में पहचान को लेकर घंटों होती रही पंचायत
चार साल की उम्र में घर के बाहर सोते समय गायब हुई थी बच्ची

आजमगढ़। करीब 11 साल पहले जिले से लापता हुई चार साल की एक बच्ची शाजहांपुर के तिलहर गांव में खेलती मिली। बृहस्पतिवार को पुलिस के साथ उसके माता-पिता बच्ची को लेकर आजमगढ़ पहुंचे। यहां आने के बाद दोनों माता-पिता ने बच्ची पर अपना-अपना दावा करना शुरू कर दिया। इस बीच लड़की की उम्र को लेकर पेंच फंस गया। घंटों पंचायत के बाद पुलिस ने बालिका के आयु परीक्षण को बलिया भेज दिया। अब उम्र परीक्षण के बाद ही कोई फैसला निकल पाएगा। फिलहाल बच्ची पुलिस के संरक्षण में है।

जानकारी के मुताबिक ठंडी सड़क पर रहने वाले संतोष कोयले का छोटा कारोबार करते हैं। सूत्रों की माने तो वर्ष 2012 में वह अपने पत्नी व बेटी के साथ घर के बाहर सोए थे। सुबह जब आंख खुली तो उनकी चार वर्षीय पुत्री पूजा गायब थी। काफी तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। घटना के 11 साल बाद अचानक संतोष को किसी से जानकारी मिली कि उसकी गायब हुई बच्ची शाहजहांपुर में है। इस पर संतोष पुलिस को लेकर शाहजहांपुर के तिलहर गांव पहुंचे। जहां से राजवीर के घर खेल रही बच्ची को अपने साथ लेकर आजमगढ़ आ गए। उधर तिलहर गांव के रहने वाले राजवीर का कहना है कि जब उन्हें वह बच्ची मिली तो वह डेढ़ साल की थी। वर्ष 2016 में उन्हें बालामऊ स्टेशन पर एक साधु के पास बच्ची मिली थी। वहीं आजमगढ़ के रहने वाले संतोष ने बताया कि जब उनकी बच्ची गायब हुई थी तो वह करीब चार साल की थी। इस संबंध में शहर कोतवाल शशिचंद्र चौधरी ने बताया कि दोनों अलग-अलग उम्र बता रहे हैं। लड़की को देखकर यही लग रहा कि उसकी उम्र करीब आठ साल है। स्थित‌ि स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि लड़की की असली उम्र क्या है। उन्होंने बताया कि आयु परीक्षण के लिए उसे जिला अस्पताल भेजा गया था। लेकिन यहां उम्र परीक्षण की सुविधा नहीं है। इसलिए बच्ची को बलिया में भेजा गया है। जब तक रिपार्ट आ नहीं जाती तब तक लड़की पुलिस के संरक्षण में ही रहेगी।