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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: रोजगार मेला न लगने पर हंगामा, अधिकारियों के समझाने पर हुए शांत

आजमगढ़। रानी की सराय ब्लाक में मंगलवार को रोजगार मेले का आयोजन नहीं होने पर बेरोजगारों ने हंगामा शुरू किया। ब्लाक के अधिकारियों के समझाने पर बेेरोजगार युवा शांत हुए। बताते  चलें कि  सीएम योगी के हर घर में एक व्यक्ति को नौकरी के वादे को पूरा करने के लिए जिले के सभी विकास खंड मुख्यालयों में एसआईएस इंडिया के तत्वावधान में शिविर का आयोजन विभिन्न तिथियों पर करना था। 
  रानी की सराय ब्लाक पर 13 सितंबर को रोजगार मेला का आयोजन होना था। इसकी जानकारी होने पर क्षेत्र के अलग- अलग इलाकों से बड़ी संख्या में युवा ब्लाक पर पहुंच गए। लेकिन ब्लाक पर रोजगार मेला न लगने की नोटिस चस्पा देख युवा भड़क गए।  ब्लाक पर पहुंचे युवा राम मनीष प्रजापति, आशीष प्रजापति, मनीष यादव, राहुल गुप्ता, रोहित प्रजापति, त्रिभुवन यादव, अमित मौर्य, अजय राजभर, नीरज कुमार, राहुल यादव, पवन गुप्ता, अमित मौर्य, सचिन यादव ने बताया कि जहानागंज सहित अन्य ब्लाकों में मेला लगाकर रोजगार दिया जा रहा है। लेकिन यहां पर मेला क्यों निरस्त किया गया है, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। युवाओं ने कहा कि यदि मेला निरस्त था तो पहले ही इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होना पड़ा।