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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: सड़क दुर्घटना में घायल बाइक सवार की उपचार के दौरान मौत

युवक की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

जहानागंज। थाना क्षेत्र में चंद्रशेखर स्मारक ट्रस्ट के पास बीते 30 अगस्त को सड़क दुर्घटना में घायल युवक की शुक्रवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। 
जानकारी के अनुसार बीते 30 अगस्त को जहानागंज थाना के तुलसीपुर गांव निवासी गुड्डू सरोज 35 पुत्र लवटू सरोज किसी काम से बाजार गया था। इस दौरान वह चंद्रशेखर स्मारक ट्रस्ट के पास पहुंचा ही था कि उसकी बाइक अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस घटना में गुड्डू को गंभीर चोटें आई। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस  ने घायल युवक को उपचार के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालत गंभीर देख डाक्टरों ने उसे लखनऊ हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान गुरूवार की शाम को गुड्डू की मौत हो गई।  सूचना पर पुलिस शव पोस्टमार्टम को भेज दिया। शव घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। मृतक के दो पुत्री थी। युवक चार भाइयों में सबसे छोटा था। दिल्ली में रहकर फल मंडी में काम करता था। 20 दिन पहले ही घर आया था