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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान 2022 से नवाजे गए सदाशिव तिवारी

बरदह। द एजुकेशन समिट टाइम टू ग्रो तथा उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ के होटल ताज में आयोजित कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने सदाशिव तिवारी को सर्टिफिकेट आफ एक्सीलेंस राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से नवाजा है। इस सम्मान पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा है। इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय जिवली ठेकमा के प्रधानाध्यापक सदाशिव तिवारी को इसके पूर्व शिक्षक दिवस पर सीएम द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार मिला था।
अनुदेशक संघ के अध्यक्ष  मनीष गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी ठेकमा संतोष तिवारी, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आशुतोष सिंह, जिलामंत्री जितेंद्र राय, शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव, अनुदेशक संघ के अध्यक्ष मनीष गुप्ता, अशोक गिरी, वेदप्रकाश, हरि प्रकाश, अनिल सरोज, प्रमोद मौर्य, सुरेंद्र, जितेंद्र राम, निशा मिश्रा, अजीत राय आदि ने सदाशिव तिवारी को बधाई दी है।  बताते चलें कि सदाशिव तिवारी ने राज्य स्तर पर खेल भावना को विकसित करने के लिए बचपन की सीख नामक कहानी सुनाई थी, जो एथलेटिक्स हिमा दास के जीवन पर आधारित थी, जिस पर चयनकर्ताओं ने उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया था।