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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Kerala: नहीं खुला एंबुलेंस का दरवाजा, आधे घंटे तक फंसा रहा मरीज, हार गया जिंदगी की जंग

केरल। कोझिकोड़ में रोड एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हुए एक 66 वर्षीय शख़्स की मौत सिर्फ इसलिए हो गई।  क्योंकि वो एंबुलेंस के भीतर ही फंस गए थे। मुश्किल से जिस एंबुलेंस में शख़्स को अस्पताल ले जाया गया। उसके दरवाज़ा फंस गया था और वो करीब आधे घंटे तक एंबुलेंस में ही फंसे रहे। बाद में दरवाज़े के लॉक को तोड़ा गया और शख़्स को इलाज के लिए एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। जिन्हें बाद में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मृत की पहचान कोयामॉन के रूप में हुई है। जिन्हें कथित रूप से एक स्कूटर ने टक्कर मार दी थी।

 घटना सोमवार दोपहर की है, जब वो बीच हॉस्पिटल रोड पर पैदल जा रहे थे, तभी एक तेज़ रफ्तार स्कूटर ने शख़्स को टक्कर मार दी और वो गंभीर रूप से घायल हो गए। शख़्स को तुरंत ही बीच हॉस्पीटल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से बाद में उन्हें कोझीकोड़ मेडिकल अस्पातल रेफर कर दिया गया था। एंबुलेंस में बीच अस्पताल का एक डॉक्टर भी साथ आया। लेकिन एंबुलेंस के दरवाज़े का लॉक ख़राब होने की वजह से शख़्स का समय पर इलाज नहीं हो सका।

आधे घंटे तक फंसा रहा मरीज़

चश्मदीद बताते हैं, 66 वर्षीय कोयामॉन करीब आधे घंटे तक एम्बुलेंस में फंसे रहे और दरवाज़ा खोलने की बहुत कोशिश की गई लेकिन नहीं खुला। अंत में एंबुलेंस के दरवाज़े को तोड़ना पड़ा और तब मरीज़ को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चश्मदीद के मुताबिक़ एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हुए कोयामॉन के शरीर से खून बह रहा था और समय के साथ ही उसकी हालत ख़राब होती जा रही थी। अंत में जब उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया तो इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

20 साल पुराना एंबुलेंस

रिपोर्ट के मुताबिक़ जिस एंबुलेंस में मरीज़ को लाया गया था, वो 20 साल पुराना है और समय समय पर एंबुलेंस में खराबी देखी जाती है और ठीक से काम नहीं करता है। हालांकि उसी एंबुलेंस में प्रति दिन तीन से चार मरीज़ों को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाता है। अब एंबुलेंस को रिपेयरिंग के लिए भेजा गया है।