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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

दिल्ली: पकड़ी गई फर्जी दुष्कर्म पीड़िता, झूठी शिकायत कर ऐंठती थी रुपये



दिल्ली। द्वारका साउथ थाना पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है जो अपने साथियों के साथ मिलकर दुष्कर्म की झूठी शिकायत कर लोगों से उगाही करती थी। वह अलग-अलग नाम से तीन थाना इलाके में दुष्कर्म की झूठी शिकायत कर चुकी है और सेक्सटॉर्शन गिरोह की सदस्य है। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। 22 जून को एक महिला ने द्वारका साउथ थाने में सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत की। उसने बताया कि जितेंद्र, कृष्णपाल और ड्राइवर कृष्ण ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है। थाना प्रभारी आशीष कुमार दुबे के नेतृत्व में पुलिस ने जांच शुरू की। शिकायतकर्ता ने एक मतदाता पहचान पत्र दिया, लेकिन पीड़िता अपना घर नहीं दिखाना चाहती थी। जांच में पाया कि महिला का पता गलत है। संदेह होने पर पुलिस ने शिकायतकर्ता के मतदाता पहचान पत्र का चुनाव आयोग से सत्यापन कराया तो वह फर्जी निकला। पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी व्यक्तियों जितेंद्र, कृष्ण पाल और चालक कृष्ण से घटना के बारे में पूछताछ की। साथ ही पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल लोकेशन और सीडीआर की जांच की। आरोपी कभी भी शिकायतकर्ता के बताए जगह पर आए ही नहीं। वहीं शिकायतकर्ता के सीडीआर का विश्लेषण करने पर पता चला कि वह भी कभी घटना स्थल पर नहीं गई। इसके बारे में पूछने पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई।  जांच में एक नया तथ्य सामने आया कि उसने सीमापुरी थाने में अपने असली नाम से सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा चुकी है। आरोपी महिला ने कुंडली, सोनीपत में भी सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा चुकी है।