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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: पिता के शव के एवज में कंपनी मांग रही चार लाख, बेटा परेशान


न्याय की गुहार लगाने  बेटा पहुंचा डीएम कार्यालय

शव लाने के लिए गृहमंत्री के नाम सौंपा पत्र  

आजमगढ़। जिले के चंद्रजीत यादव की सऊदी अरब में मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि कंपनी के मालिक ने शव की सुपुर्दगी के लिए चार लाख रुपए की मांग की है। विदेश में फंसे पिता के शव को लाने के लिए मृतक के बेटे ने केन्द्रीय गृहमंत्री को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।

जिले के सगड़ी तहसील के पहाड़पुर गांव में अवनीश यादव रहते हैं। उन्होंने बताया कि उसके पिता चंद्रजीत यादव सऊदी अरब की हफर-अल-बातिन में अब्दुल्ला नामक कंपनी मालिक के यहां काम करते थे। अवनीश का कहना है कि 7 अगस्त को कंपनी में काम करते समय उसके पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।  कंपनी मालिक का कहना है कि चंद्रजीत यादव ने कार्यस्थल पर फांसी लगाकर जान दे दी थी। शव मालिक के कब्जे में है।  मृतक के बेटे अवनीश यादव ने केन्द्रीय गृहमंत्री से मदद की गुहार लगाते हुए जिले के अधिकारियों को पत्र सौंपा है। अवनीश का कहना है कि घर में कमाई करने वाले मेरे पिता ही थे। ऐसे में हम लोगों के सामने आजीविका का संकट आ गया है। सरकार हमारे पिता के शव को मंगवाए। हम लोगों के पास शव को मंगवाने के लिए चार लाख देने को पैसे नहीं है।