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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: मंच पर सीएम के साथ दिखे यशवंत सिंह और उनके पुत्र , चर्चाओं का बाजार गर्म

आजमगढ़।
भारतीय जनता पार्टी से बगावत कर अपने बेटे को एमएलसी का चुनाव लड़ाने के बाद पार्टी से निकाले गए एमएलसी यशवंत ‌सिंह और उनके बेटे एमएलसी विक्रांत सिंह गुरूवार को आईटीआई मैदान में सीएम के साथ मंच पर दिखे, जो चर्चा का विषय बना रहा।

  बता दें कि  एमलसी चुनाव में बीजेपी ने आजमगढ़-मऊ सीट से फूलपुर के पूर्व विधायक व बाहुबली रमाकांत यादव के पुत्र अरूणकांत यादव को मैदान में उतारा था। वहीं टिकट न मिलने पर नाराज होकर बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह ने अपने पुत्र विक्रांत सिंह को मैदान में उतार दिया था। इसके बाद पार्टी ने यशवंत सिंह को 04 अप्रैल 2022 को यशवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। चुनाव में यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह ने बड़ी जीत हासिल की थी। बीजेपी प्रत्याशी अरूणकांत दूसरे व सपा प्रत्याशी राकेश यादव तीसरे नंबर पर थे। पहली बार चुनाव में सपा की जमानत जब्त हो गई थी।

चुनाव के बाद यशवंत सिंह ने पार्टी से निष्कासन को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें निष्कासन से संबंधित कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। यह अलग बात है कि लोकसभा उपचुनाव में शुरू में वे पूरी तरह प्रचार से अलग रहे। मतदान के दो दिन पूर्व एकाएक यशवंत सिंह और उनके पुत्र एमएलसी विक्रांत सिंह चुनाव प्रचार में उतर गए। इसके बाद यह अटकलें लगने लगी थी कि यशवंत की पार्टी में वापसी हो सकती है लेकिन गुरुवार को सीएम योगी की सभा के लिए आइटीआई मैदान में बनाए गए मंच पर सुबह से ही यशवंत सिंह और उनके पुत्र विक्रांत सिंह डटे नजर आये। इसके बाद चुनावी सरगर्मी और बढ़ गयी है। कारण कि अभी बीजेपी ने उनके वापसी की घोषणा नहीं की है इसके बाद भी वे मंच पर सीएम योगी का स्वागत करते नजर आए। इससे पार्टी का एक घड़ा नाराज भी दिख रहा है। वैसे इस मुद्दे पर कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है, कारण कि मामला सीएम योगी से जुड़ा है। यशवंत सिंह उनके बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने सीएम के लिए विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ी थी।