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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: नाबालिग बुआ में आई देवी, तलवार से मासूम भतीजी को मार डाला

परिवार ने बुआ को पुलिस के किया हवाले

राजस्थान। डूंगरपुर में 16 साल की बुआ ने सात साल की भतीजी की तलवार से गर्दन काटकर हत्या कर दी। घरवालों ने बताया कि घर में माता की पूजा चल रही थी। तभी आरोपी नाबालिग में देवी आ गई और उसके बाद यह घटना हुई। परिवार के लोगों ने पुलिस बुलाकर नाबालिग को सौंप दिया। वहीं पुलिस नाबालिग की काउंसलिंग के लिए मनोचि‌कित्सकों की सेवा ले रही है।

 राजस्थान के डूंगरपुर जिले में बीते सोमवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना चितरी थाना के झिंझवा फला गांव में तड़के तीन बजे की है। यहां तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंसी सोलह साल की एक लड़की  ने अपनी सात साल की भतीजी की तलवार से गर्दन काट दी। इससे पहले उसने अपने पिता और ताऊ पर तलवार से हमला करने की कोशिश की, लेकिन बच निकले। घटना के समय कमरे में सो रही सात साल की भतीजी को वह घसीटते हुए घर के दूसरे हिस्से में ले गई और तलवार से ताबड़तोड़ वार कर गर्दन धड़ से अलग कर दी। परिवार के लोगों ने बमुश्किल से लड़की पर काबू पाया और पुलिस को बुलाकर उसके हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपित को डिटेन कर लिया। वह पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में थाने में ही तंत्र-मंत्र जैसी हरकत करने लगी। थाना प्रभारी गोविंद सिंह का कहना है कि जब वह मौके पर पहुंचे, तब घर के बाहर सात साल की बच्ची की लाश पड़ी थी। घरवालों के बताने पर लड़की को डिटेन कर लिया है। बांसवाड़ा से एफएसएल की टीम को बुलाया गया है। नाबालिग की काउंसिलिंग के लिए विशेषज्ञ की सेवाएं ली गईं।

भूत-प्रेत नहीं, भ्रम में जीते हैं ऐसे लोग

मनोचिकित्सक डॉक्टर बिंदा सिंह ने बताया कि समाज में अंधविश्वास के चलते अक्सर इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं। असल में भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर कोई इंसान कहे कि उसमें भूत, प्रेत या देवी आ रही है तो वह मानसिक रूप से बीमार है। ऐसे व्यक्ति भ्रम में जीते है। अधिकतर मरीज डिप्रेशन का शिकार होते हैं।