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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा

पुलिस ने शांत कराया हंगामा

आजमगढ़। फूलपुर कस्बे के एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार को प्रसव के दौरान महिला की मौत हो गई। उसके साथ आए परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया। देर शाम तक परिजन और डाक्टर के बीच सुलह समझौता की बात चल रही थी।  गंभीरपुर थाना क्षेत्र के रामपुर रजवा गांव निवासी शिल्पा (22) पत्नी शिवकुमार चौरसिया पिछले कई दिनों से अपने मायके फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के जगदीशपुर में अपने पिता महेंद्र के यहां रहती थी। प्रसव पीड़ा होने पर परिजन बृहस्पतिवार को दोपहर में फूलपुर के एक निजी अस्पताल लाए थे। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के लिए अंदर ले जाने के बाद इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगाने के बाद शिल्पा की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन नोकझोंक करने लगे। इस दौरान गांव के काफी संख्या में लोग जुट गए। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर किसी तरह शांत कराया। परिजनों ने पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी। एसएसओ माखन सिंह ने बताया कि अस्पताल पर प्रसव पीड़िता की मौत के बाद हंगामा होने की सूचना पर मौके पर पुलिस गई थी। परिजन लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। परिजनों को शांत कराया गया। परिजन शव का पोस्मार्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे। परिजनों की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है। इस संबंध में डाक्टर मनोज यादव ने बताया कि मेरी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है।