शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने की युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग
आजमगढ़।
युवाओं को रोजगार के साथ विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्ति सहित अन्य
मांगों को लेकर राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक
शेखर सिंह पुष्कर
ने आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ सहित सरकार के अन्य मंत्रियों आदि
को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही उन्होंने नौजवानों, बेरोजगारों के बुनियादी
सवालों एवं
उनके समाधान के लिए विचार करने के लिए प्रधानमंत्री व लोकसभा अध्यक्ष
को पत्र के माध्यम से आगामी शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाने के लिए अनुरोध
किया है। शशांक का कहना है कि जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर आयोग बना,
लेकिन नौजवानों के लिए न तो कोई ठोस नीति बनी, न ही नौजवानों का राष्ट्रीय
स्तर पर आयोग ही बन पाया, सिर्फ राजनैतिक दलों ने नौजवानों को
वोट बैंक, प्रचारतंत्र के रूप में इस्तेमाल करते हुए उनके ऊर्जा का
दुरुपयोग, दोहन किया। समय की मांग है कि उनके सम्मान, स्वाभिमान की रक्षा
के लिए ठोस निर्णय लिए जाए। नौजवान अब बहुत गुमराह हो चुका है। आगामी चुनाव
में बगैर नौजवानों के किसी भी पार्टी का भला नहीं होने वाला, य़ह बात
राजनैतिक दलों को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं का
उत्पीड़न, शोषण को रोकने एवं उनके अधिकार, सम्मान,
स्वाभिमान के सरंक्षण, संवर्धन के लिए युवा आधारित नीति के तहत राष्ट्रीय
युवा आयोग अथवा राष्ट्रीय युवा कल्याण आयोग के गठन किया जाए। राजनैतिक
भूमिका, भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए युवा संसद के गठन, बढ़ती बेरोजगारी
के
समाधान के लिए कुशल व योग्य बेरोजगारों के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी
जैसी
ठोस एवं फलदायी कार्य योजना बनाने, परिवार में योग्यता के आधार पर परिवार
में
कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी अथवा स्वरोजगार की व्यवस्था, रोजगार न
मिलने तक दस रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता तथा केंद्र एवं प्रदेश सरकार
के विभागों में रिक्त पदों को तत्काल पारदर्शी तरीके से भरने संबंधित
आयोगों द्वारा आयोजित परीक्षाओं एवं परिणाम की समय सीमा निर्धारित व
संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने के लिए कानून बनाने तथा
बेरोज़गारों की प्रतियोगी परीक्षाएं एवं परिवहन सुविधा निःशुल्क किया जाए।
उन्होंने इसे लेकर विपक्षी दलों एवं भाजपा सांसदों, मंत्रियों को मांग
पत्र देकर आगामी
शीतकालीन सत्र में प्रस्ताव लाने की मांग की है। साथ ही मंच के प्रयासों व
संघर्षो को अपना
समर्थन एवं प्रबल संस्तुति के लिए युवाओं के हित में सकारात्मक निर्णय लेने
के
लिए प्रधानमंत्री एवं लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने का अनुरोध किया है।
नौजवानों के बुनियादी सवालों एवं पीड़ा से अवगत कराते हुए कहा कि
यदि समय रहते कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनी तो योग्य नौजवान बेरोजगारी की
दशा में अवसादग्रस्त होकर अपराध की तरफ बढ़ जायेंगे जो चिंतनीय एवं गंभीर
है।