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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: पारसनाथ सिंह हत्याकांडः चार आरोपियों को आजीवन कारावास

50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया, वर्ष 2005 में हुई थी हत्या

आजमगढ़। हत्या के मुकदमें में सुनवाई पूरी होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर-2 सौरभ कुमार सक्सेना की अदालत ने शनिवार को चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत द्वारा प्रत्येक आरोपी पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। मुकदमें के अनुसार वादी मुकदमा राम नारायन सिंह पुत्र स्वामीनाथ सिंह निवासी ग्राम सेवराकुंड थाना जीयनपुर का आरोप था कि 6 नवंबर 2005 की रात आठ बजे रामायण पाठ में शामिल होने के लिए वह अपने चाचा पारसनाथ तथा मैंना देवी के साथ गांव के हनुमान मंदिर पर जा रहे थे। तभी प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर पहले से ही घात लगाकर बैठे गांव के ही वीर सिंह पुत्र रामशब्द, डमलू पुत्र सोधई, उमेश पुत्र अनुज तथा हेमंत उर्फ बबलू पुत्र रामचरण ने उन्हें घेर लिया। पारसनाथ को देखते ही डमलू ने ललकारा कि आज इसे छोड़ना नहीं है। तब हेमंत और उमेश ने पारसनाथ को पकड़ लिया और वीर सिंह ने नजदीक से पारसनाथ को गोली मार दी, जिससे मौके पर ही पारसनाथ की मौत हो गई । इस मामले में जीयनपुर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अभय दत्त गोंड ने वादी मुकदमा रामनारायन, मैंना देवी, कैलाश सिंह, कांस्टेबल राम इकबाल, विवेचक कमलेश कुमार सिंह, डा. आरएस त्रिवेदी उपनिरीक्षक रामेश्वर पांडेय तथा हेड कांस्टेबल आर निर्भय नारायण चौबे को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी डमलू, उमेश, वीर सिंह तथा हेमंत को आजीवन सश्रम कारावास तथा प्रत्येक को पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।