आजमगढ़ मंडल प्रभारी हैं सीएम, बावजूद जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
आजमगढ़।
यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। खुद
डिप्टी सीएम बृजेश मिश्र अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। सीएम योगी
आदित्यनाथ ने आजमगढ़ मंडल का प्रभार अपने पास रखा है लेकिन यहां मरीजों को
उपचार की व्यवस्था तो दूर एंबुलेंस तक नहीं मिल रही है। एक गरीब युवक
सोमवार की रात दुर्घटना में घायल हो गया तो परिवार के लोग उसे लेकर सीएचसी
फूलपुर पहुंचे जहां चिकित्सक ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। पैसा न होने के
कारण जब परिवार ने सरकारी एम्बुलेंस मांग तो उन्हें नहीं मिले। लोग मरीज को
ठेले से ट्रामा सेंटर ले जा रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई।सीएम के
पास मंडल का प्रभार फिर भी मरीज का नहीं मिली एम्बुलेंस, ठेले से अस्पताल
ले जाते समय हुई मौत
आजमगढ़
जिले के फूलपुर कोवताली क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी 40 वर्षीय
रामसिंगार मौर्य पुत्र हुबराज मौर्य की फूलपुर कस्बा स्थित एलआईसी कार्यालय
के सामने डायमो रिपेरिंग की दुकान है। सोमवार की रात करीब आठ बजे
रामसिंगार मौर्य साइकिल से दुकान की तरफ आ रहे थे उसी दौरान एक बाइक ने
साइकिल में टक्कर मार दी। चुंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुकान से चंद
मीटर की दूरी पर था तो स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तत्काल अस्पताल
पहुंचा दिया गया। चिकित्सकों
ने घायल की हालत गंभीर देख बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया।
मौके पर मौजूद घायल के परिवार के लोगों ने चिकित्सक से बताया कि उनके पास
पैसे नहीं है इसलिए लिए हायर सेंटर ले जाने के लिए उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध
करा दी जाए लेकिन मरीज की हालत गंभीर होने के बाद भी चिकित्सक ने
एम्बुलेंस नहीं दी। मजबूर परिवार के लोग घायल को जिला अस्पातल के बजाय ठेले
पर लादकर तहसील के पास स्थित ट्रामा सेंटर ले जाने लगे लेकिन रास्ते में
ही घायल की मौत हो गई। इसके
बाद परिवार के लोग फिर शव लेकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र ले आए। घटना की
जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव व बाइक को कब्जे में ले लिया
जबकि बाइक सवार भागने में सफल रहा। लोग घायल की मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग
को जिम्मेदार मान रहे है। उनका कहना है कि अगर समय से एम्बुलेंस मिल जाती
तो उसे हायर सेंटर में भर्ती कराकर बचाया जा सकता था। मृत रामसिंगार की एक
पुत्री 15 वर्ष व एक पुत्र 12 वर्ष के हैं। दुर्घटना के बाद से परिवार में
कोहराम मचा है। इस
मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आईएन तिवारी का कहना है कि दुर्घटना
सीएचसी के पास हुई थी। लोग मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे। चिकित्सक उपचार कर
रहे थे लेकिन उन्हें बिना बताये ही लोग मरीज को अपने साधन से लेकर निजी
ट्रामा सेंटर जाने लगे जब मौत हो गई तो फिर अस्पताल आ गए। मरीज के
रिश्तेदारों ने न तो अस्पताल में एम्बुलेंस की मांग की थी और ना ही
एम्बुलेंस के लिए फोन किया था। आरोपों की जांच कराई जा रही है। अगर आरोप
सही पाया जाएगा तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।