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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: जिले का नाम रोशन करने के लिए जीवन भर करता रहूंगा संघर्षः सूरज

आजमगढ़। अपने स्वागत से गदगद सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि वे अपने आजमगढ़ का नाम रोशन करने के लिए जीवन भर संघर्ष करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ का हर युवा किसी न किसी खेल में जरूर प्रशिक्षित हो व प्रतिभाग करें, आजमगढ़ को जल्द ही खेलों के गढ़ के रूप में जाना जाएगा। यहां के युवाओं को खेल में नए अवसर प्राप्त हो इसके लिए प्रयासरत रहूंगा। आप सभी की शुभकामनाओं से इस बार क्वार्टरफाइनल तक पहुंचा देश का व अपने आज़मगढ़ का नाम बढ़ाने के लिए अगली बार और मेहनत कर स्वर्ण पदक के लिए अनवरत प्रयास करूंगा, आजमगढ़ वासियों ने स्वागत कर जो सम्मान दिया है, इसके लिए जीवन भर आजमगढ़ का नाम बढ़ाने के लिए संघर्ष करूंगा।
 बताते चलें कि जिले के तहबरपुर ब्लाक के बीबीपुर कदीम गांव निवासी सूरज प्रकाश श्रीवास्तव 12 वर्ष की आयु से ही मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं। उन्होंने वर्ष 2019 में आयोजित विश्व बीच पेंचक सिलाट चैंपियनशिप, थाईलैंड में देश के लिए कांस्य पदक जीता था। पूर्वांचल संवाद से वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि इंडियन पेंचक सिलाट फेडरेशन के डायरेक्टर जनरल मोहम्मद इक़बाल, गुरु जसपाल सिंह अध्यक्ष पेंचक सिलाट खेल संघ उत्तर प्रदेश, पिता सतीश चंद श्रीवास्तव व माता श्रीमती कुसुम लता श्रीवास्तव के आशीर्वाद से देश को प्रतिनिधित्व करने का अवसर मुझे प्राप्त हो रहा है। गतवर्ष राष्ट्रीय पेंचक सिलाट चैंपियनशिप व फेडरेशन कप दोनों में स्वर्ण पदक तथा इस वर्ष राष्ट्रीय पेंचक सिलाट चैंपियनशिप में कांस्य पदक व राष्ट्रीय फेडरेशन कप में रजत जीतकर जनपद व प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ा चुके हैं। इसी मेरिट के आधार पर इनका चयन पुनः भारतीय टीम में हुआ है। वर्तमान में सूरज का पुरा परिवार कृष्णा नगर कॉलोनी, जमालपुर बाजबहादुर में निवास करता है। पिता सतीश चंद श्रीवास्तव कलेक्ट्रेट में अधिवक्ता हैं। शुक्रवार को घर पहुंचने पर पेंचक सिलाट मार्शल आर्ट्स के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सूरज प्रकाश श्रीवास्तव का माता कुसुमलता श्रीवास्तवा, बहन संध्या श्रीवास्तवा, असिस्टेंट कमांडेंट रविकांत श्रीवास्तव, डा. सुनील चंद्र श्रीवास्तव ने स्वागत किया।