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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: टहलने निकले वृद्ध की ट्रेन से कटकर मौत

पुलिस ने शव पीएम को भेजा, परिवार में कोहराम

आजमगढ़। घर से टहलने निकले एक वृद्ध की शुक्रवार की सुबह सरायमीर क्षेत्र में आजमगढ़-शाहगंज रेल मार्ग पर खरेवां गांव के पास स्थित अंडरपास पर ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।  जानकारी के अनुसार मृतक खंझारी 75 पुत्र स्व. सुंदर सरायमीर कस्बे के खुदकस्ता मुहल्ले का  निवासी था। मृतक राजगीर का काम करता था। लेकिन उम्र के साथ अब काम भी बंद कर दिया था। घर पर ही रहता था। शुक्रवार की सुबह घर से टहलने निकला था। इस बीच खरेवां मोड़ से डाक्टर एहतेशाम गली में रेलवे पटरी पर चले गए, तभी ट्रेन आ गई। ट्रेन की चपेट में आने से खंझारी की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही सरायमीर थाना के एसआई  आशुतोष मिश्रा मौके पर पहुंच शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया। साथ ही मृतक के पुत्र सतिराम को सूचना दी। मौके पर पहुंचे परिजन शव को देखते ही रोने-बिलखने लगे। पुत्र सतिराम ने बताया कि  पिता घर से प्रतिदिन बैतूल ओलूम की ओर टहलने जाते थे। आज खरेवां मोड़ की तरफ कैसे टहलने चले आए।