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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: रामचरित मानस में भ‌क्ति, कर्मयोग, ज्ञानयोग का पावन प्रवाहः पं. सुभाष चंद्र तिवारी

विश्व कवि तुलसीदास को जयंती पर किया नमन


 

कालजयी रचनाकार थे तुलसीदासःप्रो. मयंक

आजमगढ़। विश्वकवि तुलसीदास की जयंती गुरूवार को नगर के गुरुघाट स्थित श्री रामजानकी मंदिर में श्री रामजानकी मानस सेवा समिति के तत्वावधान में मनाई गई। इस अवसर पर मंदिर में स्थापित तुलसीदास की प्रतिमा एवं श्री राम दरबार का पूजन किया गया।

प्रो. प्रभुनाथ सिंह मयंक ने कहा कि तुलसीदास जी कालजयी रचनाकार हैँ। उनके द्वारा रचित श्री रामचरित मानस में वैश्विक समरसता, लोकमंगल, मर्यादा, आदर्श, राजधर्म की चेतनामयी प्रेरक प्रतिष्ठा की गयी है। संचालनकर्ता समिति के अध्यक्ष पंडित सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन ने कहा कि  गोस्वामी तुलसीदास के रामचरित मानस में भक्ति, कर्मयोग और ज्ञानयोग की त्रिवेणी का पावन प्रवाह है। उसमें मानव जीवन के सर्वांगीण पक्ष पर जनकवि तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के माध्यम से महान संदेश दिया है। मंदिर के महंत संजय पंडित ने आगंतुकों का स्वागत किया। इस मौके पर ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार पांडेय, श्याम पांडेय, अशोक कुमार तिवारी, सतीश चंद्र मिश्र, रामकुमार पांडेय, रविशंकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।