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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Phulpur:चांद नमूदार होते ही मजलिसों का दौर शुरू, सजे अजाखाने

इमाम हुसैन इंसानियत का नामः मौलाना शकील फराज

फूलपुर, आजमगढ़ (पूसं)। कस्बा और ग्रामीण इलाकों में मोहर्रम का चांद नमूदार होते मजलिसों का दौर शुरू हो गया है। अज़ाखाने सजा दिए गए है। इमामबारगहों में अजादारों ने नौहा मातम पेश कर करबला में शहीद इमाम हुसैन को खिराज-ए-अकीदत पेश किया। मेजवा गांव में आयोजित मजलिस में मौलाना शकील फ़राज़ ने कहा कि इमाम हुसैन इंसानियत का नाम है, उन्होंने अपनी अजीम कुर्बानी देकर इस्लाम को बचाया। जनाबे जैनब ने ही पूरी दुनिया को बताया कि करबला में इमाम हुसैन के कुरबानी देने का मकसद क्या था। मौलाना शकील फ़राज़ ने कहा कि इमाम हुसैन सिर्फ 72 साथियों की फौज लेकर इंसानियत को बचाने के लिए करबला के मैदान में उतरे और तीन लाख की फौज का मुकाबला किए। यहां तक कि यज़ीदी फौजों ने नहरे फोरात पर कब्ज़ा कर लिया था। जिसके चलते लोग पानी को तरस गए। मजलिस में लोग गम का प्रतीक काला लिबास पहन कर आए थे। इसी क्रम में चमावा, दसमड़ा, शाहजेरपुर, माहुल, अंबारी में चांद रात में मजलिसे आयोजित की गई।