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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Balia: स्कूल बंद कर घर चले गए शिक्षक, क्लास रूम में सोता रह गया बच्चा


ताला तोड़कर बच्चे को बाहर निकाला 

बलिया। जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में लापरवाही की बड़ी घटना सामने आई है। एक बच्चा क्लास में सो रहा था और अध्यापकों ने ध्यान ही नहीं दिया। स्कूल को बंद कर सभी शिक्षक घर चले गए। स्कूल बंद होने के घंटों बाद भी जब बच्चा अपने घर नहीं पहुंचा तो परिवार के लोग परेशान हो गए। कई जगह तलाश के बाद स्कूल पहुंचे तो बच्चा क्लास रूम में बंद मिला।
ताला तोड़कर उसे बाहर निकाला गया। मामले से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक युवक स्कूल के कमरे में बंद ताले को ईंट तोड़ रहा है। ताला टूटने के बाद दरवाजा खुलता है और एक बच्चा रोते हुए बाहर निकल रहा है। बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर बाद स्कूल की छुट्टी हुई तो ताला बंद कर प्रधानाध्यापक व अन्य स्टाफ घर चले गए। इसी दौरान बच्चा कमरे में ही बंद हो गया। वीडियो सामने आने के बाद बीईओ ने मामले की जांच की बात कही है। बलिया के बेरूआरबारी के प्राथमिक विद्यालय सुखपुरा गुरुवार को अपने तय समय पर बंद हुआ। ताला बंद कर प्रधानाध्यापक व अन्य स्टाफ घर चले गए। इसी विद्यालय के कक्षा एक में पढ़ने वाला एक बच्चा घर नहीं पहुंचा तो परिजनों को चिंता हुई। थोड़ी देर इंतजार के बाद उन्होंने बच्चे की तलाश शुरू की। गली-गांव, मैदान हर तरफ देखा लेकिन बच्चा नहीं मिला। तलाशी के दौरान ही कुछ लोग विद्यालय पहुंचे। दरवाजा पर ताला लगा था। खिड़की से झांक कर अंदर देखा गया तो बालक स्कूल के बेंच पर सो रहा था। परिजनों ने शोर मचाया तो उसकी नींद खुली। इसके बाद कमरे का ताला तोड़ा गया और बच्चे को बाहर निकाला गया। इसकी सूचना तत्काल प्रधानाध्यापिका उर्मिला देवी को दी गई। घटना की जानकारी जैसे ही प्राथमिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को हुई सभी के हाथ पांव फूलने लगे। शुक्रवार को बेरुआरबारी खंड शिक्षा अधिकारी हिमांशु मिश्रा ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण हो गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही हैं। इसमें अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रधानाध्यापिका उर्मिला देवी ने बताया कि हम लोग अंदर देख कर ही ताला बंद करते हैं। बालक डेस्क के नीचे जहां बस्ता रखा जाता है वहीं सोया था। इस कारण उस पर नजर नहीं पड़ी।