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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: चकमार्ग पर अवैध कब्जे के विरोध में प्रदर्शन

 

मांग पूरी न होने पर तहसील घेराव की चेतावनी

तहसीलदार बोले जांच कराई जाएगी 

आजमगढ़। बूढ़नपुर तहसील के लहरपार के ग्रामीणों ने शनिवार को चकमार्ग निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो तहसील का घेराव करेंगे। 

ग्रामीणों का आरोप है कि 50 वर्ष से हम लोग आने-जाने के लिए इस चकमार्ग का प्रयोगकर रहे हैं। लेकिन हल्का लेखपाल कानूनगो के गलत पैमाइश के चलते गांव के दबंग व्यक्ति द्वारा उक्त चकमार्ग पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। इसकी शिकायत तहसील पर भी की गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने कहा कि हम लोगों को आने-जाने के लिए रास्ता नहीं है। जिससे हमें काफी असुविधा हो रही है। अगर शीघ्र ही हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो हम तहसील का घेराव करेंगे। वहीं तहसीलदार शक्ति प्रताप सिंह ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में है, चकमार्ग की पुनः पैमाइश करवाई जाएगी। अगर चकमार्ग पर अवैध कब्जा किया गया है तो कब्जा मुक्त करवाया जाएगा। वहां पर चकमार्ग का निर्माण कराया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान रामशेर राजभर, लखंदर राजभर, दिनेश, सूर्यभान, अशोक, लालचंद, शिवरतन, श्याम कुमार, संतलाल, किरण आदि ग्रामीण मौजूद रहे।