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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: औलाद वही जो बाप के दामन न लगने दे दागः मौलाना गजनफर

फूलपुर के बेलहरी गांव में मजलिस का आयोजन

फूलपुर। मौलाना गजनफर अब्बास तूसी ने कहा कि शायरे अहलेबैत असगर बेलरवी एक ऐसी शख्सियत हस्ती थी जो समाज मे एक हैसियत रखते थे। उन्होंने आजीवन कौम की खिदमत किया है।

 उक्त बातें मौलाना ने शुक्रवार को फूलपुर क्षेत्र के बेलहरी गांव में आयोजित मशहूर शायरे अहले बैत असगर बेलहरवी की चालीसवें की मजलिस के दैरान कहा। उन्होंने कहा कि हमे इंसान की अहमियत को समझना चाहिए। वे तारीखे इस्लाम के जानकर थे। दुनिया के  सभी धर्म के लोग कहते है कि अपने अल्लाह  और भगवान को पहचानो। इंसान को कभी भी उसकी इबादत से गाफिल नही होना चाहिए। जिसने अपने नफ़्स को पहचाना है तो  समझ ले कि उसने अल्लाह को पहचान लिया। उन्होंने कहा कि सही औलाद  वही होता है जो  बाप के दामन में दाग न लगने दे। यह पवित्र रिश्ते का परिणाम होता है। अजादार जब दुनिया से जब जाता है तो वह अज़ादारी की जज़ा  लेकर जाता है। मरने के वक्त जनाबे फातिमा वहा मौजूद रहती है। और कहती हैं यह मरने वाला मेरे प्यासे हुसैन का अजादार है। मरने वाले कि रूह ऐसे निकलती है जैसे फूल से खुशबू निकल जाय। मौलाना ने जब इमाम हुसैन का मसाएब पेश किया तो सभी लोग रो पड़े। शहबाज़ हैदर ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर अधीक्षण अभियंता अब्बास रिज़वी, मोहम्मद मेहदी एडवोकेट, सैय्यद शहबाज़ हैदर, मोहम्मद डेनिश, प्रधान अप्पू यादव, निसार हुसैन, मोहम्मद अब्बास और काफी संख्या में अजादार उपस्थित थे।