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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: ग्रामीणों के विरोध के आगे अतिक्रमण नहीं हटवा सके नायब तहसीलदार, लौटे वापस


चांदपट्टी के मेहरा गांव में सरकारी भूमि पर ग्रामीणों का वर्षों से है कब्जा

तीन दिन पूर्व कब्जा हटा लेने की तहसील प्रशासन ने की थी नोटिस चस्पा

आजमगढ़। सगड़ी तहसील के चांदपट्टी मेहरा गांव में सरकारी जमीन पर बने 35 मकानों पर मंगलवार को बेदखली के लिए तहसील प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया था। शुक्रवार को देर शाम कब्जा हटाने गए नायब तहसीलदार मयंक मिश्रा को ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। कब्जेदारों को 24 घंटे के अंदर कब्जा हटा लेने का निर्देश देते हुए नायब तहसीलदार वापस लौट आए। 
 बता दें कि सगड़ी तहसील के चांदपट्टी मेहरा गांव में सरकारी जमीन पर कई दशक पहले से 35 परिवार मकान बनाकर रहते हैं। 2018 में गांव के ही मोहम्मद अली ने सरकारी भूमि पर किए गए कब्जे की शिकायत की। शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो मोहम्मद अली हाईकोर्ट चला गया। हाई कोर्ट के निर्देश पर दो हजार अट्ठारह में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किए लोगों के खिलाफ तहसीलदार न्यायालय में 15 सी का मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमे में 35 लोगों के खिलाफ बेदखली का आदेश हुआ। मंगलवार को इन घरों पर लेखपाल रितेश और अन्य तहसील के कर्मचारियों ने नोटिस चस्पा किया। 3 दिन के अंदर कब्जा हटा लेने का निर्देश दिया। समय सीमा बीत जाने के बाद शुक्रवार को देर शाम नायब तहसीलदार मयंक मिश्रा तहसील कर्मियों के साथ अतिक्रमण हटाने गए । मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। विरोध करते हुए जौवाद खान, अबू सहमा, अब्दुलरब,संतु आदि ने कहा कि जमाने से हम लोग इस जमीन पर घर मकान बनाकर रहते हैं। अब हम कहां जाएंगे। नायब तहसीलदार कब्जेदारों को 24 घंटे के अंदर अपना कब्जा हटाने का निर्देश देते हुए बिना अतिक्रमण हटाए वापस लौट आए।