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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव ने सौंपा ज्ञापन

आजमगढ़। सहारनपुर में मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश सचिव संदीप कपूर के नेतृत्व में एडीएम एफआर से मिला। राज्यपाल को संबोधित चार सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा।

 प्रदेश सचिव संदीप कपूर ने कहा कि बीते 15 जून 2022 को सहारनपुर शहर कोतवाली में पुलिस द्वारा आठ मुस्लिम युवकों की बर्बर पिटायी का वीडियो वायरल हुआ था। कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने 17 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन से मुलाक़ात कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लुकुर और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह समेत कई ज़िम्मेदार लोगों ने इसे पुलिस की छवि बिगाड़ने वाली घटना बताया था। वहीं सहारनपुर एसएसपी आकाश तोमर और एसपी राजेश कुमार लगातार मामले को झुठलाते रहे थे। लेकिन जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि वीडियो सहारनपुर का ही है वहीं पुलिस ने पीड़ितों को झूठे मामलों में जेल भेज दिया था। 22 दिनों बाद 4 जुलाई को सभी लोगों को अदालत ने रिहा कर दिया। पुलिस की कार्यप्रणाली दुर्भाग्यपूर्ण हैं जिस पर हमें कड़ी आपत्ति हैं। जिलाध्यक्ष नदीम खान ने बताया कि चार सूत्री मांगो में सहारनपुर कोतवाली में पिटाई की घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर उचित धाराओं में जेल भेजा जाए वहीं अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी मोहम्मद नजम शमीम ने कहा कि ऐसे आपराधिक कृत्य को छुपाने अथवा नकारने का प्रयास कर दोषी पुलिसकर्मियों का बचाव करने व अपनी विभागीय ज़िम्मेदारी का निर्वहन न करने वाले एसएसपी आकाश तोमर और एसपी राजेश कुमार को तत्काल निलंबित किया जाए, पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए, पुलिस उत्पीड़न के शिकार सभी 8 निर्दोषों को 20-20 लाख रूपये बतौर मुआवजा दिए जाने की मांग शामिल है। ज्ञापन सौंपने के दौरान अख्तर रिजवान अहमद, शहर अध्यक्ष अल्पसंख्यक विभाग मिर्जा बरकतउल्लाह बेग, रियाजुल हसन, प्रदीप यादव, सुरेंद्र सिंह, डा आदित्य सिंह आदि मौजूद रहे।